शहर की एक बेटी ने बेटे का फर्ज निभाया। बेटी ने ही पिता की मौत होने पर अर्थी को कंधा दिया और चिता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। सामाजिक बंधनों और परंपराओं को दरकिनार करते हुए जैसे ही बेटी ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी वहां मौजूद सबकी आंखों में आसूओं का समंदर उमड़ पड़ा
आंखों से बहती आंसूओं की धारा और चेहरे पर एक अजीब सा सन्नाटा। नेहा ने जैसे ही चिता में आग लगाई वहां मौजूद सबकी आंखें डबडबा गई।
सोहना कस्बे में बेटी नेहा गर्ग ने अपने पिता का संस्कार करने में बेटे का दायित्व निभाकर मिसाल कायम की है। जबकि मृतक का पूरा परिवार भी है तथा दो बेटों में से एक बेटा जीवित है तथा वह बाहर रहता है।
सोहना कस्बे के वार्ड नंबर 18 मोहल्ला मिर्जा वाडा, निकट ओम स्वीट के निकट रहने वाले सुनील कुमार पुत्र श्री जगदीश चंद का आज अकस्मात स्वर्गवास हो गया। जिसको शमशान ले जाने के लिए कोई भी समाज का व्यक्ति नहीं पहुंचा था।
सुनील ग्रामीण बैंक में सर्विस करता था
जबकि उसकी बेटी नेहा सोहना निरंकारी कॉलेज में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं।अंत में सुनील का संस्कार करने के लिए कॉलेज का स्टाफ व व्यापार मंडल सोहना के प्रधान अशोक गर्ग व प्रेस एसोसिएशन के प्रधान ललित जिंदल आगे आये।
और उन्होंने सभी रस्म पूरी करके सुनील का अंतिम संस्कार कराया।जबकि उसकी बेटी नेहा ने अपने पिता को कंधा ही नहीं दिया बल्कि उसको मुखाग्नि भी दी। वाह रे समाज