बल्लभगढ़ स्थित चावला कॉलोनी मे रहने वाले बृजमोहन बताते हैं कि 1992 में राजस्थान के जयपुर जिले से वकालत पास कर फरीदाबाद न्यायालय परिसर में अभ्यास किया। यहां लोगों को मामूली बातों के लिए कानून के समक्ष मजबूर होते देख वह आमजन की जागरूकता के लिए कुछ अलग करने का प्रयास करने में जुट गए।
वह लोगों को निशुल्क कानूनी सलाह देते हैं और उन्हें जागरूक करते हैं। जरूरत पड़ने पर वह स्वयं उनके केस भी लड़ते हैं। बृजमोहन के अनुसार, अब तक वह लगभग 40 युवाओं को वकालत की पढ़ाई में मदद कर चुके हैं।
सैकड़ों लोगों को उनका कानूनी अधिकार दिला चुके हैं। इसके अलावा वह जरूरतमंद, विधवाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को प्रदेश सरकार की तमाम सुविधाओं का लाभ दिलाने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास करते हैं।
बच्चों को पढ़ाई में आर्थिक अड़चन आने पर कानून के जरिये मौजूद विकल्प बताकर उनका मार्गदर्शन किया। महिलाओं को सरकारी पेंशन, सरकारी योजना लाभ, आर्थिक सहायता जैसी कानून मदद दिलाई। बुजुर्गों को घर से बाहर निकालने वाले बच्चों को कानून का डर दिखाकर अभिभावकों को उनका हक दिलाया।
बीते 32 साल से बृजमोहन वशिष्ठ लोगों को कानून के माध्यम से उनके हक दिलाने के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं। पेशे से वकील होने के बावजूद निशुल्क लोगों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ते हैं। उन्होंने महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी उनके नागरिक अधिकारों के लिए जागरूक किया है।