प्रदेश में साहित्य को बढ़ावा देने के लिए मनोहर सरकार ने युवा साहित्य पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और प्रसिद्ध कवयित्री धीरा खंडेलवाल द्वारा रचित दो नए कविता संग्रहों ‘मेघ मेखला’तथा ‘रेशमी रस्सियां’ का लोकार्पण किया। कार्यक्रम का आयोजन हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा किया गया था।
मनोहर लाल ने कहा कि साहित्यकार समाज को नया रास्ता दिखा सकते हैं। धीरा खंडेलवाल को बधाई देते हुए मनोहर लाल ने कहा कि उनके संग्रह की लगभग सभी पंक्तियां बेहद आत्मीय तथा मार्मिक हैं। उनके अथाह गहराइयों से निकले ये मोती पाठकों को अन्दर तक उद्वेलित करते हैं।
साहित्य शब्द को परिभाषित करना कठिन है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवा साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘युवा साहित्य पुरस्कार’ शुरू करने की घोषणा भी की। जैसे पानी की आकृति नहीं, जिस साँचे में डालो वह ढ़ल जाता है, उसी तरह का तरल है साहित्य शब्द। यह पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में नई प्रतिभाओं का उत्साह बढ़ाएगा।
कविता, कहानी, नाटक, निबंध, रिपोर्ताज, जीवनी, रेखाचित्र, यात्रा-वृतांत, समालोचना बहुत से साँचे हैं। राज्य में साहित्य के प्रचार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में हिन्दी एवं हरियाणवी, उर्दू, संस्कृत और पंजाबी साहित्य के विकास के लिए अलग-अलग अकादमियां स्थापित की गई हैं।
संस्कृत में एक शब्द है वांड्मय। भाषा के माध्यम से जो कुछ भी कहा गया, वह वांड्मय है। साहित्य शब्द को परिभाषित करना कठिन काम है। खट्टर ने कहा अकादमियों के बजट में भी कई गुणा बढ़ोतरी की गई है। इन अकादमियों द्वारा हिन्दी, हरियाणवी, पंजाबी, उर्दू, संस्कृत साहित्य में योगदान देने वाले साहित्यकारों को हर वर्ष नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।