जिले में स्वछता सर्वेक्षण सिर पर है लेकिन नगर निगम की तैयारियां बस सोच पर है। साफ़ – सफाई के मामले में फरीदाबाद लगातार पिछड़ता जा रहा है। पिछले साल की रैंकिंग में राज्य में फरीदाबाद जिले का 38वां स्थान पर रहा था। 1 मार्च से जिले में स्वछता सर्वेक्षण शुरू होने जा रहा है। बेहतर रैंकिंग पाने को नगर निगम लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रहा है।
लोग तो जागरूक हो जाएंगे लेकिन नगर निगम को सफाई कर्मचारियों के लिए भी कुछ करना चाहिए। नगर निगम के सफाई कर्मचारी संसाधनों की कमी से परेशान हैं।
फरीदाबाद में लगातार गंदगी बढ़ती जा रही है। सफाई के लिए प्रयाप्त सुविधा भी लोगों के पास नहीं है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में स्मार्ट सिटी फरीदाबाद 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 47 शहरों में 38वें स्थान पर रही। इस साल तो रैंक और भी ज़्यादा गिरने के आसार हैं। शहर में एक मार्च से स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होगा। केंद्र सरकार की टीमें फरीदाबाद आकर शहर की सफाई व्यवस्था का जायजा लेंगी।
जिले में बढ़ती गंदगी के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। सफाई कर्मचारी यूनियन ने दो माह पहले तत्कालीन निगम कमिश्नर यश गर्ग से मुलाकात कर उनसे 3000 झाडू, 300 रेहड़ी और 100 रिक्शा की डिमांड की थी, लेकिन अभी तक सामान नहीं मिला। तो ऐसे कैसे सफाई के मामले में शहर बढ़िया होगा। फरीदाबाद ने पिछली बार छह हजार अंकों में से 2646 अंक हासिल किए थे।
स्मार्ट सिटी लगातार कूड़ा सिटी बनती जा रही है। शहर में कूड़ा भी बढ़ता जा रहा है। पिछले साल की बात करें तो, गार्बेज फ्री सिटी में कोई स्टार नहीं होने, घर-घर से 100 प्रतिशत कूड़ा नहीं उठने व खुले में शौचमुक्त नहीं होने के कारण शहर को काफी कम अंक मिले हैं। इस कारण इसकी रैंकिंग काफी पिछड़ गई