हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कल दिल्ली, विशेषकर लालकिले पर हुई घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि किसान आंदोलन अब इसके नेताओं के नियंत्रण से बाहर हो चुका है और अपनी दिशा से भटक चुका है।
साथ ही, उन्होंने किसानों से भी अपील की है कि कल की दुखद घटनाओं के बाद अपने घरों को लौट जाएं।मुख्यमंत्री ने यह बात गणतंत्र दिवस के अवसर पर हुई घटनाओं के बाद कल देर सायं बुलाई गई हरियाणा मंत्रिमंडल की विशेष बैठक के बाद कही।
उन्होंने कहा कि पूरा मंत्रिमंडल इस बात पर एकमत है कि इस समय प्रदेश की जनता मिलकर असामाजिक तत्वों के नापाक इरादों को विफल करे और देश व प्रदेश में शान्ति बनाए रखने में सहयोग दे।
मनोहर लाल ने कहा है कि लाल किले पर राष्ट्र ध्वज के अलावा किसी और ध्वज का फहराया जाना कोई भी भारतीय बर्दाश्त नहीं कर सकता। ऐसा करना उन महान स्वतंत्रता सेनानियों और अमर शहीदों का अपमान है
, जिन्होंने लाल किले पर तिरंगा फहराने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी। उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें आजादी इस तरह की अराजकता फैलाने के लिए नहीं दिलवाई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान संगठनों ने दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए गहन आश्वासन दिये थे लेकिन इस घटनाक्रम ने साबित कर दिया है कि आंदोलन का नेतृत्व उन हाथों में चला गया है जिनकी कथनी और करनी में अंतर है।
इसलिए अब किसान भाइयों को इस विषय पर गहन विचार करना चाहिए कि यह आंदोलन किस दिशा में जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतभेदों को दूर करने की पर्याप्त गुंजाइश है। इसलिए सभी मतभेदों को मिल-बैठकर दूर किया जा सकता है।