मां की ममता ,जो कर्ज लेकर पाल रही है बेसहारा बच्चों को

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फरीदाबाद: कुछ ऐसी भी मां होती है, जो अपने जिगर के टुकड़े को लावारिश की तरहा छोड़ देती है परंतु इसके उल्टा कुछ ऐसी भी मां है जो कर्ज़ लेकर ऐसे बच्चों का पालन पोषण से भी पीछे नही हट रही है हम बात कर रहे है जिले में मिरेकल चैरिटेबल सोसाइटी की

कभी-कभी ऐसा वक्त आता है जब सोसाइटी के पास पर्याप्त बजट नहीं होता ऐसे में सोसाइटी की संचालिका व्याज पर कर्ज लेकर बच्चों बच्चों का पालन पोषण करती हैं केंद्र में पल रहे बच्चों को गोद लेने के लिए विदेशी भी आते हैं

यहां के 9 बच्चे इटली बेल्जियम व दुबई जैसे बड़े-बड़े देशों में पल बढ़ रहे हैं इसके अलावा 59 बच्चे देशभर के अलग-अलग राज्यों में सक्षम परिवार के पास है कई बच्चे दिव्यांग भी होते हैं जिनका पालन पोषण केंद्र द्वारा ही किया जाता हैं

केंद्र में समय-समय पर बच्चों की काउंसलिंग भी की जाती है जो बच्चों को गोद लेने आते हैं उनके बारे में पूरी तरह से तहकीकात की जाती हैं उसके बाद ही बच्चे को सौंपा जाता है फिलहाल केंद्र की संचालिका ने पांच लाख रुपए कर्ज पर लिए हुए हैं

हालांकि सरकार द्वारा प्रीति बच्चे के हिसाब से सोसाइटी को ग्रांट दी जाती है लेकिन अक्सर यह काफी लेट मिलती है जैसे 2020 की ग्रांट अभी तक सोसाइटी को नहीं मिल सकी है वैसे भी सरकार ग्रांट से केंद्र पर पूरा खर्चा भी नहीं निकल पाता है

मां की ममता ,जो कर्ज लेकर पाल रही है बेसहारा बच्चों को

बच्चों के लालन पालन में कमी नहीं रहे इसलिए समय पर पैसा होना भी जरूरी होता है फिलहाल तो 25 बच्चे है केंद्र में ,सोसाइटी का केंद्र आईपी कॉलोनी में है फिलहाल इनके पास 6 साल तक के 25 बच्चे हैं

केंद्र में 17 महिला कर्मचारी शिफ्ट के अनुसार बच्चों की देखरेख करती हैं सोसायटी की ओर से बच्चों को गोद भी दिया जाता है यदि 6 साल तक बच्चे को कोई गोद नहीं ले पाता तो 18 साल तक केंद्र द्वारा उसे अपने पास रखा जाता है

यह संस्था केवल और केवल डोनेशन पर आधारित है कई बार केंद्र में बजट नहीं होने की वजह से यहां काम करने वाली महिलाओ को वेतन भी 2 से 3 महीने में दिया जाता है