शहर के ओयो होटल बन रहे है आत्महत्या का गढ़, जानिए क्या है पूरी सच्चाई ओयो होटल की

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शहर भर में स्थित ओयो होटल इन दिनों आत्महत्या का गढ़ बन चुकी है। जुलाई 2019 से लेकर अब तक करीब 5 आत्महत्या के मामले ओयो होटल से सामने आ चुके है। शहर भर में फिलहाल 500 से ज्यादा गेस्ट हाउस और ओयो होटल संचालित है। इन होटलों को शुरू करने का मकसद था कि लोगों को कम बजट पर कमरा उपलब्ध करवाना था, परंतु अब इसका उपयोग आत्महत्या के लिए ज्यादा हो रहा है।

पिछले वर्ष से लेकर अब तक करीब आधा दर्जन लोग ओयो होटल में आत्महत्या कर चुके है। आपको बता दे कि ओयो होटल चलाने के लिए नगर निगम स ट्रेड लाइसेंस लेना होता है। इसमें निगम संचालक से एक साल की फीस वसूलता है। इसके साथ ही एक वर्ष के लिए वैधता प्रमाण पत्र भी जारी होता है।

शहर के ओयो होटल बन रहे है आत्महत्या का गढ़, जानिए क्या है पूरी सच्चाई ओयो होटल की

इसके बाद श्रम विभाग से एक लाइसेंस के जरिए होटल में काम करने वाले कर्मचारियों का ब्योरा दिया जाता है। हर तीन साल में यह लाइसेंस रिन्यू करवाना होता है। इसके अलावा अग्निशमन विभाग से भी एनओसी जारी की जाती है। इसमें विभाग सुरक्षा मानकों की जांच करता है।

इन सबके बाद रजिस्टर में आने वाले सभी लोगों की आईडी जमा करनी होती है। शहर भर के ज्यादातर ओयो होटल रिहायशी इलाके में चल रहे है जो अवैध है। निगम की तरफ से जारी किए गए ट्रेड लाइसेंस के लिए शर्त पूरी ही नही करते। अवैध रूप से होटल कम रूम को चलाने के लिए बिल्डिंग संचालक केवल ओयो कंपनी से करार कर कंपनी के जरिए सीधे ग्राहकों तक पहुंच बनाते है। इसके लिए कंपनी को कमीशन मिलता है, वही वैधता की जांच में कंपनी और संचालक दोनों का ही इससे तालुक नही रहता।

आपको बता दे कि 2019 में नगर निगम द्वारा करीब 13 अवैध होटल पर कार्यवाही कर उन्हे सील किया गया था। अभियान के तहत सभी को नोटिस जारी किए गए। इसके बाद सेक्टर – 11 में 7, बल्लबगढ़ में एक, सेक्टर – 21 में दो, ग्रीन फील्ड कॉलोनी में एक और सेक्टर 7 और 29 में एक एक होटल सील किया गया। अभियान के बाद ज्यादातर होटल संचालकों ने ट्रेड लाइसेंस बनवाए। जो इमारत रिहायशी इलाके में है और उनमें व्यावसायिक गतिवधियां चल रही है। उन पर दोबारा से अभियान चलाकर उन्हे सील किया जाएगा।

शहर के ओयो होटल बन रहे है आत्महत्या का गढ़, जानिए क्या है पूरी सच्चाई ओयो होटल की

जुलाई 2019 से लेकर अब तक करीब पांच आत्महत्या के मामले ओयो होटल से सामने आ चुके है। पहला मामला 27 जुलाई 2019 को आया, जिसमें सेक्टर 7 – 10 के चौक पर स्थित ओयो डिजायर होटल में पलवल निवासी हरवंश ने फंदा लगाकर जान दे दी। कमरा अंदर से बंद था।

30 अगस्त 2019 को एनआईटी 5 स्थित ओयो रूम में संदिग्ध हालात में दंपति के शव बरामद हुआ। दोनों की पहचान एनआईटी दो खोखा कॉलोनी निवासी ज्योति और सुनील वाधवा के रूम में हुई है।

20 फरवरी 2020 को नीलम- बाटा रोड स्थित एक होटल के कमरे में सेक्टर 7 निवासी अतुल त्यागी नाम के कारोबारी ने हाथों की नस काटकर आत्महत्या कर ली।

17 जनवरी 2021 सेक्टर 31 में आईपी कॉलोनी निवासी कारोबारी ने ओयो गेस्ट हाउस की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली।


28 जनवरी 2021 को एनआईटी- 1 में ओयो होटल में 18 वर्षीय किशोर ने फंदा लगाकर जान दे दी। किशोर बारहवीं का छात्र है।

शहर के ओयो होटल बन रहे है आत्महत्या का गढ़, जानिए क्या है पूरी सच्चाई ओयो होटल की

इस पूरे मामले में निगमायुक्त यशपाल यादव का कहना है कि अवैध रूप से चलाई जा रही ओयो रूम पर लगातार कार्यवाही की जाती है। फिर से सर्च अभियान शुरू कर ऐसे सभी इमारतों को सील किया जाएगा जो अवैध रूप से कमर्शियल काम कर रहे हैं।

Written by Rozi Sinha