जल्द मिलने वाला है नया बजट, क्या दूर होगा महामारी से हुए बेरोजगार लोगों का दर्द

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    देश को उसका नया बजट 1 फरवरी को मिलने जा रहा है। इस बजट पर हर फ़रीदाबादवासी की निगाहें हैं। खासकर उन लोगों की ज़्यादा निगाहे हैं जिनकी महामारी के दौरान नौकरी चली गयी या बिजनेस ठप हो गए। लोकल सर्कल ने हाल में ही बजट से आम लोगों की उम्मीदों को लेकर कई सर्वे किया। सर्वे में मोटे तौर पर यह बात सामने आई है कि आम लोग सरकार से इनकम टैक्स स्लैब बढ़ाने, एलटीए के जरिये दी जाने वाली सुविधा में इजाफा चाहते हैं।

    करदाताओं को टैक्स में छूट दी जाये ऐसा बहुत से लोग चाहते हैं। रोजगार ज़्यादा मात्रा में उपलब्ध कराने में विफल रही केंद्र सरकार यूं तो स्वरोजगार के क्षेत्र में भी कुछ खास नहीं कर पाई है, लेकिन बावजूद इसके आगामी बजट 2020-21 में एक बार फिर से सरकार न केवल स्वरोजगार योजनाओं को बढ़ावा दे सकती है।

    जल्द मिलने वाला है नया बजट, क्या दूर होगा महामारी से हुए बेरोजगार लोगों का दर्द

    इन योजनों में स्टार्ट-अप्स, मुद्रा, प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम आदि प्रमुख हैं। लोकल सर्कल सर्वे की बात की जाये तो 10 में से चार लोगों ने पुरानी कार को रिप्लेस करने पर सब्सिडी देने की योजना पर सहमति व्यक्त नहीं की। लोग चाहते हैं कि कार खरीदने वाले लोगों को राहत देने से संबंधित प्रावधान बजट में किया जाना जरूरी नहीं है।

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    बेरोजगार लोग चाहते हैं कि बैंको द्वारा मिलने वाले लोन पर ब्याज दरों में रियायत दी जाये। जिस से बैंकों से लोन लेकर वह नया बिजनेस या अपनी आर्थिक स्थिति में थोड़ा सुधर लेकर आ सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से ही यह कह रहे हैं कि देश के युवाओं को नौकरी ढूंढ़ने की बजाय नौकरी देने वाला बनना चाहिए। इसलिए उन्होंने कई ऐसी स्कीम लॉन्च की, जिससे युवा अपना कारोबार शुरू कर सकें।

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    इस बजट से सबसे अधिक उम्मीदें तो मिडिल क्लास और खासकर नौकरीपेशा लोगों को है। सरकार की सबसे बड़ी स्कीम स्टार्ट-अप इंडिया रही। महामारी के कारण बहुत सारे लोगों की नौकरी चली गई थी और बहुत से लोगों की सैलरी भी कटी थी। ऐसे में लोग इस बजट में सरकार से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें कर रहे हैं।