देश में बढ़ते कोरोना के मामलों में जमातियों की लापरवाही तो अनदेखा नहीं किया जा सकता है। बार बार चेतावनी देने के बावजूद अधिकतर जमाती घरों में छुप कर कोरोना वायरस को आमंत्रण करते रहे है इसका परिणाम यह रहा कि सरकार को सख्त होना पड़ा।शहर में विभिन्न स्थानों से पकड़े गए 18 विदेशी जमाती के खिलाफ कोर्ट ने डिपोर्ट करने का आदेश दिया है। यह सभी जमाती 2 अप्रैल के आसपास पकड़े गए थे।
इसके बाद ही ने क्वॉरेंटाइन किया गया था। इनमें से कई कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। कोरांटाइन की समय सीमा पूरी होते ही इन्हें 12 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।इस मामले में एसीपी क्राइम अनिल कुमार ने बताया कि कोर्ट ने मंगलवार को इंडोनेशिया और फिलीपींस के 18 जातियों को डिपोर्ट करने का आदेश दिया है।
पुलिस ने इन सभी के डिपोर्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इन्हें भेजने की प्रक्रिया के बारे में पूछ कर आगे की प्रक्रिया की जाएगी।
उन्होंने बताया कि 2 अप्रैल को पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए उक्त लोगों को गया था। जिसकी वजह से इन सभी को फौरन कोरंटाइन किया गया था। नेपाल इंडोनेशिया और फिलीपींस के नागरिकों को वारंट कर दिया गया था।
समय पूरा होने के बाद सेक्टर 30 क्राइम ब्रांच टीम द्वारा उनसे पूछताछ की गई थी। 12 मई को सभी जमातियों को हाईकोर्ट में पेश कर दिया गया। जहां कोर्ट ने फिलीपींस के 10 और इंडोनेशिया के आठ जमतियों को विदेश एक्ट का उल्लंघन करने के मामले में दोषी मानते हुए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जबकि नेपाल से आए 10 जमाती को कोर्ट ने बरी कर दिया था।