किसानो को लेकर हाईअलर्ट पर पुलिसकर्मी, अधिकारियों के दाँवों की खुली पोल

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ग़ाज़ीपुर बॉर्डर में कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसानो का धरना समाप्त होने ही जा रहा था इतने में राकेश टीकैत के आह्वान से यह आदोलन तूल पकड़ता नज़र आ रहा है। रात में ही सरकार का सारा खेल बिगड़ गया और किसान फिर से हावी हो रहे है। किसानो को इतनी संख्या में आते देख पुलिस ने बॉर्डर पर अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है।

पुलिस यह भी दावा कर रही है कि सभी बॉर्डर पर लोगों और गाड़ियों की तलाशी ले कर ही उन्हें आगे भेजा जा रहा हैं। हम बात कर रहे है दिल्ली और फ़रीदाबाद के बदरपुर बोर्डर की। जहाँ पर एक और तो किसानो की महापयंचत ने सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है वही दूसरी ओर पलवल गाँव में पंचायत से सरकार में हलचल बढ़ गयी है।

किसानो को लेकर हाईअलर्ट पर पुलिसकर्मी, अधिकारियों के दाँवों की खुली पोल

फ़रीदाबाद-बदरपुर बोर्डर पर जहाँ आला अधिकारी सतर्कता बरतने की बात करते है वहाँ हमने पाया की वहाँ पर कोई भी पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे। बीते दिन जहाँ पर इज़राइल दूतावास के बाहर धमाका हुआ हुआ था और सुरक्षा एजेंसी को सेंध लगाई थी।

इतने सुरक्षा इंतज़ामो के बावजूद भी इज़राइल दूतावास के बाहर धमाका हो जाता है ये सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। पुलिस अधिकारियों की माने तो पलवल और मेवात जिले के किसान दिल्ली कूच करने को तैयार है और हमें भी अपनी तैयारी रखनी है।

किसानो को लेकर हाईअलर्ट पर पुलिसकर्मी, अधिकारियों के दाँवों की खुली पोल

परंतु अधिकारियों का ये दावा खोखला साबित होता है जब हमारे एक पत्रकार बदरपुर बोर्डर पर गए और उन्होंने पाया की वहाँ पर कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। कोई भी चैकपोस्ट बोर्डर पर नहीं लगाया हुआ है। किसानो की संख्या बढ़ते देख सभी अधिकारियों की बैठक का दौर शुरू हो गया है।

सैंकड़ों लोगों से शुरू हुआ यह आंदोलन अब हज़ारों लोगों का रूप ले चुका है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस आंदोलन में सरकार की जीत होती है या फिर किसानो की घर वापसी होती है।