इस्तेमाल के बाद खुले में फेंकी जा रहीं महामारी की वैक्सीन सिरिंज, हो सकता है किसी नयी बीमारी का संकेत?

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महामारी को लेकर अब जिले वासी बहुत लापरवाह हो गए हैं। किसी को भी इस बीमारी का भय नहीं रहा। एक तरफ सभी लोग बेपरवाह हो कर घूम रहे हैं। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी उजागर हुई है। महामारी की रोकथाम वैक्सीनेशन में इस्तेमाल होने वाली सिरिंज बीके सिविल अस्पताल परिसर में ही इस्तेमाल के बाद भारी तादाद में खुले में फेंक दी जाती है। इस दौरान वैक्सीन के सील पैक पैकेट भी साथ ही फेंक दिए जाते हैं।

सिर्फ बीके अस्पताल में ही नहीं बल्कि शहर की बहुत सी सड़कों पर इन दिनों प्राइवेट अस्पताल, क्लीनिक, पैथोलॉजी एक्स-रे स्टोर से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट पड़ा नजर आता रहता है।

इस्तेमाल के बाद खुले में फेंकी जा रहीं महामारी की वैक्सीन सिरिंज, हो सकता है किसी नयी बीमारी का संकेत?

अधिकारी इस तरफ ध्यान ज़रा भी नहीं दे रहे हैं। यह आम जनता के लिए सही बात नहीं है। मेडिकल उत्पाद के रूप में इस्तेमाल होने वाली कई दवाएं व अन्य पैकेट भी नियमों की धज्जियां उड़ाकर खुले में फेंक दिए जाते हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग के मुुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय के पास ही ढेर मात्रा में यह सिरिंज फेंकी गई थी।

इस्तेमाल के बाद खुले में फेंकी जा रहीं महामारी की वैक्सीन सिरिंज, हो सकता है किसी नयी बीमारी का संकेत?

इसके कारण बीमारी फैलना का अंदेशा बना हुआ है, इसके बावजूद अस्पताल संचालक लापरवाही बरतते हुए केमिकल वेस्ट को खुले में ही फेंक रहे हैं। इसमें से कई इस्तेमाल हो चुकी थी तो कई पैकेट में पैक थी। वहीं, मेडिकल उत्पाद के निस्तारण के सख्त नियम हैं। नियम है कि गीले-सूखे मेडिकल वेस्ट के अलावा वैक्सीनेशन सिरिंज जैसे मेडिकल उत्पाद को अन्य वेस्ट के साथ न फेंका जाए।

Dhaka's messy medical waste handling puts public health in danger

हैरत की बात तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। महामारी जैसे संक्रामक रोग में इस्तेमाल की जा रही वैक्सीन सिरिंज के निस्तारण में इतनी बढ़ा लापरवाही चिंता का विषय है। गौरतलब है कि अस्पतालों का कचरा खुले स्थान पर फेंक नहीं सकते हैं। इससे प्रदूषण फैलता है। साथ ही लोगों में बीमारी होने की आशंका है।