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पिता की मृत्यु के बाद कर्ज लेकर लाए थे 80 रुपए की रील, आज इनके बनाए एक मास्टरपीस की कीमत एक करोड़

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आज की कहानी है पटियाला के रहने वाले अरुण बजाज की। इनकी कहानी सुनकर आप हैरान रह जाएंगे कि इतनी कम उम्र में इन्होंने इतना कुछ हासिल करलिया। अरुण की उम्र 36 वर्ष है और यह वर्ल्ड के इकलौते सुईंग मशीन आर्टिस्ट है जो धागे की मदद से तस्वीरे बनाते है।

पिता की मृत्यु के बाद कर्ज लेकर लाए थे 80 रुपए की रील, आज इनके बनाए एक मास्टरपीस की कीमत एक करोड़

अरुण बताते है कि वह जब छोटे थे तो उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था, हालांकि उन्हें पेंटिंग में काफी दिलचस्पी थी। जब वह केवल 12 साल के थे तो अपने पापा के साथ दुकान पर जाया करते थे वहां उन्होंने कपड़े प्रेस करना, इंटरलॉकिंग जैसी चीजे सीखी। धीरे धीरे उन्हें यह काम पसदं आने लगा और वह इस काम को काफी सफाई से भी करने लगे।

परंतु जब वह 16 वर्ष के हुए तो उनके पिता की मृत्यु हो गयी। पिता की मौत के बाद अरुण बहुत परेशान हुए क्योंकि सारे घर की जिम्मेदारी उनपर आ चुकी थी। अपनी मां को संभलना, घर का खर्चा यह सब अब उन्हें ही करना पड़ता।

पिता की मृत्यु के बाद कर्ज लेकर लाए थे 80 रुपए की रील, आज इनके बनाए एक मास्टरपीस की कीमत एक करोड़

अरुण ने कहा, ‘पिता की मौत के बाद मुझे नहीं पता था कि घर का गुजारा कैसे होगा, मेरे सामने बहुत दिक्कतें थीं। पापा की तेरहवीं के बाद जब मैंने दुकान खोली तो, 80 रुपए की रीलें उधार लेकर आया। घर का खर्च चलाने के लिए मैंने लोगों के लिए अचकन, शेरवानी बनाने और एंब्रॉयडरी का काम करने का निर्णय लिया ‘।

अरुण ने काफी पंजाबी संगीतकार के डिज़ाइन बनाये जो सबको पसंद आये। अरुण को एक रात सपना आया था कि वह गुरु नानक देव का पोर्ट्रेट बना रहे है बस अलगे दिन उन्हें इसी पर काम किया और एक हफ्ते बाद यह एक बेहतरीन पोर्ट्रेट बनाकर सामने आया।

पिता की मृत्यु के बाद कर्ज लेकर लाए थे 80 रुपए की रील, आज इनके बनाए एक मास्टरपीस की कीमत एक करोड़

उनके दोस्त को वो तस्वीर इतनी पसदं आयी कि वह उसे विदेश लेकर चले गए। फिर उन्हीने तह किया कि वह ऐसे ही मास्टरपीस बनाएंगे और आज उनके एक एक पीस की कीमत एक करोड़ रुपए है।

अरुण धागे से अब तक 250 से ज्यादा पोर्ट्रेट बना चुके हैं। साथ ही वह विश्व के इकलौते ऐसे आर्टिस्ट है जो इस काम में माहिर है। आज अरुण का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है यह कोई आम बात तो नहीं किसी भी नागरिक के लिए।

पिता की मृत्यु के बाद कर्ज लेकर लाए थे 80 रुपए की रील, आज इनके बनाए एक मास्टरपीस की कीमत एक करोड़

अरुण ने देश का नाम रोशन किया है और उन्हें राष्ट्रपति सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। और तो और प्रधानमंत्री भी उन्हें उनके इस हुनर के लिए सम्मानित कर चुके है। अरुण जैसे लोग हमारे देश का गौरव है।

Written by – Aakriti Tapraniya

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