यूएई में काम कर रहे लाखों भारतियों के लिए अच्छी खबर है। ऐसी खबर जिसको सुन ने के लिए वहां काम कर रहे लोग सदियों से सुन ना चाहते थे। दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात विदेशियों के एक चुनिंदा समूह को नागरिकता देने की योजना बना रहा है। यूएई अर्थव्यवस्था में प्रवासियों एक बड़ी हिस्सेदारी प्रदान करने के उद्देश्य से एक प्रक्रिया को औपचारिक रूप देने वाला पहला खाड़ी अरब राष्ट्र है।
नई नागरिकता नीति का उद्देश्य विकास को बढ़ावा देने के लिए देश की प्रतिभाओं को आकर्षित करना है। यूएई ने घोषणा की है कि वह पेशेवर विदेशी नागरिकों को अपनी नागरिकता प्रदान करेगा।
महामारी के बीच अर्थव्यवस्था को उबारने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। नागरिकता देने वाले विदेशियों में निवेशक, विशेष प्रतिभा वाले लोग, डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, कलाकार, लेखक और उनके परिवार के लोगों समेत अन्य पेशेवर शामिल हैं। खास बात यह है कि नागरिकता न सिर्फ यहां काम करने वालों, बल्कि उनके परिवारों को भी दी जाएगी।
यूएई की आबादी में 80% से अधिक विदेशी निवासी शामिल हैं। दुबई के शासक, देश के प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन अल मख्तूम ने यह घोषणा करते हुए कहा कि कलाकारों, लेखकों, डॉक्टरों, इंजिनियरों और वैज्ञानिकों के साथ-साथ उनके परिवार भी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अब तक, यूएई की नागरिकता और कुछ अन्य खाड़ी देशो की नागरिकता विशेष मामलों में विदेशियों को प्रदान की जाती थी। इससे पहले यूएई ने उन फलस्तीन नागरिकों और अन्य को नागरिकता दी थी जिन्होंने सन 1971 में इसके गठन के बाद देश की सरकार बनाने में योगदान दिया था।