सावधानी के साथ पिलाई जा रही है दो बूंद जिंदगी की

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सामेवार को महाराष्ट्र के यवतमाल में पोलियो ड्रॉप वैक्सीनेशन की जगह हैंड सैनिटाइजर पिलाई गई। जिसकी वजह से 5 साल से कम उम्र वाले 12 बच्चों की हालत बिगड़ गई। जिसकी वजह से उन बच्चों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पल्स पालियो अभियान देश के हर राज्य में चलाया जा रहा है।

इसी के चलते जिला फरीदाबाद में भी पल्स पोलियो अभियान चल रहा है। डिप्टी सीएमओ डाॅक्टर रमेश ने बताया कि यह पल्स पोलियो अभियान का नेशलन राउंड हैं। यह अभियान तीन दिनों तक चलाया जाएगा। पहले दिन बूथ पर दो बूंद पिलाई जाएगी। वहीं दूसरे व तीसरे दिन घर घर जाकर दो बूंद पिलाई जाएगी।

सावधानी के साथ पिलाई जा रही है दो बूंद जिंदगी की

उन्होंने बताया कि इस बार का उनका टारगेट 3 लाख 98 हजार बच्चों को पिलाने का हैं। उन्होंने बताया कि इस बार उनकी टीम के द्वारा 6 लाख 14 हजार घरों को कवर करना है। उन्होंने बताया कि महामारी के दौर में पल्स पोलियो अभियान के दौरान पूरी सावधानी को बरर्ती जा रही है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले आशा वर्कस अपने आप को पूरी तरह से हैंड सैनिटाइज करती है। उसके बाद वह बच्चे को दवाई पिलाने के लिए बच्चे को हाथ नहीं लगाती है।

सावधानी के साथ पिलाई जा रही है दो बूंद जिंदगी की

वह बच्चे के परिजनों से ही बच्चे का मुंह खोलने के लिए कहते है। उन्होंने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के दौरान बच्चों के हाथों पर स्याही लगाई जाती है। लेकिन इस बार बच्चों के हाथों को छुए बिना ही उनके हाथों पर स्याही लगाई गई है। उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्यकर्मी मास्क व हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करते है। एक फरवरी को 75 प्रतिशत का टारगेट पूरा हो गया था।

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वहीं आशा वर्कस की प्रधान हेमलता ने बताया कि महामारी के दौर की वजह से उनको स्वास्थ्य विभाग की ओर से सावधानी भरतने के लिए कहा गया है। वह बूथ पर आने वाले बच्चों को साथ नहीं लगाते है। इसके अलावा एक फरवरी व 2 फरवरी को घर घर जाकर बच्चों को दो बूंद पिलाई जाती है। लेकिन इस बार उनकी टीम किसी के घर के अंदर नहीं गई। उन्होंने घर के बाहर ही बच्चों को बुलाकर पोलियो पिलाई है। उन्होंने बताया कि घर के बाहर ही रहे कर उनके द्वारा सभी जानकारी प्राप्त कर लेते है।