किसानों के लिए उनकी कृषि का क्या मोल होता है, इसका उदाहरण अपने लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे सिंधु बॉर्डर पर किसानों की मनोदशा देखते हुए लगाया जा सकता है।
हालात इस कदर बेकाबू हो चुके हैं कि देश और प्रदेश में इमरजेंसी से भी बदतर देखने को मिल रही है। ऐसा हम नहीं बल्कि इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय सिंह चौटाला का कहना है।
दरअसल, मंगलवार को अभय सिंह चौटाला पार्टी के जींद अफसर पहुंचे हुए थे जहां उन्होंने क्रिशू कानून पर चर्चा करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। मैंने कहा कि किसानों की दयनीय स्थिति देखने के बावजूद भी आज देश और प्रदेश की भाजपा सरकार मूक दर्शक बना बैठा हैं।
जबकि किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को रोकने के लिए सरकार ने बड़ी-बड़ी दीवारों का निर्माण कर दिया मगर के साथ भी दिल्ली में प्रवेश करने से बाज नहीं आए हैं, या यह कहें कि सरकार की रणनीति के आगे किसान घुटने टेकने को राजी नहीं है।
गौरतलब, अभय सिंह चौटाला द्वारा जींद से पार्टी कार्यकर्ताओं व किसानों को लेकर दिल्ली में किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए यात्रा शुरू की है।
वही चौटाला ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की किसानों के साथ 12 चरण की वार्ता हो चुकी है,
लेकिन किसानों की मांगों को मानने के बजाय सरकार उन पर झूठे मुकद्दमे दर्ज कर उनकी आवाज को दबाना चाहती है। किसानों पर सरकार अत्याचार कर रही है उसको दबाने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं, ताकि किसी को सरकार की किसानों को दबाने की नीतियों का पता न चल सकें।
आज की सरकार चीन की सरकार की तरह किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वह केंद्र और प्रदेश सरकार को किसानों पर किए जा रहे अत्याचारों को सहन नहीं करेंगे, बल्कि किसान की आवाज को उठाने के लिए दिल्ली बार्डर पर जाकर खुद बैठेंगे।