सीपी ओपी सिंह की पाठशाला का असर पुलिसकर्मी पर देखने को मिल रहा है। आम जनता को लगता था, कि रात के समय पुलिस गश्त नहीं करती है जिसकी वजह से चोर सक्रिय होकर क्राइम को अंजाम देते है। लेकिन आम जनता को रात के समय अगर किसी भी पीसीआर की जरूरत होगी। तो पुलिस तुरंत उनके पास पहुंचने की कोशिश करेगी।
जिसके लिए उच्च अधिकारियों के साथ साथ पीसीआर में तैनात पुलिसकर्मी भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे । आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके पीसीआर व पुलिस की उपस्थिति और प्रतिक्रिया के समय को सुधारा जा रहा है।
Tracking Real time locations of our patrolling vehicles …Using most modern techniques to improve police presence and reaction time…
— Dr. Arpit Jain IPS (@dr_arpit_jain) February 1, 2021
Faridabad Police – People's Police @cmohry @police_haryana pic.twitter.com/HyRM1FNbCn
2 फरवरी को डीसीपी मुख्यालय डाॅक्टर अर्पित जैन के द्वारा टिव्टर पर एक पोस्ट डाला था। वह पोस्ट उन्होंने रात के 12 बजकर 53 मिनट पर डाला था। जोकि लगभग एक बजे का है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उच्च अधिकारियों को भी जिले की फीक्र है। उस समय उन्होंने जिले की पुलिस पीसीआर से उनके स्थान की लाईव लोकेशन मांगी। जिससे उनको पता चला कि उनके जिले की पीसीआर उस समय कहा तैनात हैं और किस एरिया के आस पास है। उस लोेकेशन को उन्होंने टिव्टर के माध्यम से लोगों के साथ शेयर की।
जिसमें उन्होंने लिखा कि पेट्रोलिंग वाहनों के वास्तविक समय का पता लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके पुलिस की उपस्थिति और प्रतिक्रिया के समय को भी सुधारा जा सकता है। उक्त टिव्ट पर उनके द्वारा जो फोटो डाली गई हैं, उसमें जिले के करीब 8 जगहों पर तैनात पीसीआर की लाइव लोकेशन दशाई जा रही हैं। यह टिव्टर उन्होंने सीएमओ हरियाणा और हरियाणा पुलिस को टैग किया है।
कई लोगों ने दिए सुझाव
डीसीपी मुख्यालय के टिव्ट करने के बाद जिले के कई लोगों ने सुझाव दिए है। जिसमें राहुल ने कहा कि पेट्रोलिंग बाइक पुलिसकर्मी को हेलमेट की जरूरत नहीं होती है क्या। नियम सभी के लिए एक बराबर होने चाहिए। उसके वाद विशाल ने लिखा है कि यह एक बहुत ही अच्छा तरीका है लेकिन पीसीआर की लोकेशन को पब्लिक के सामने शेयर ना करें क्योंकि चोर पीसीआर की लोकेशन देखने के बाद सर्तक हो सकते हैं । वहीं नीरज ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पता होनी चाहिए। वहीं अशोक का कहना है कि यह बहुत अच्छा कार्य है। कुलदीप और लेफ्टिनेंट डाॅक्टर अश्वनी ने भी गुड वर्क कहा है।