नगर निगम के द्वारा जिले को साफ रखने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही हैं। जिसमें ईको ग्रीन के द्वारा लोगों को सूखा व गीला कूड़ें के बारे में लोगों को बताया जा रहा है।
ईको ग्रीन के सुपरवाइजर विनोद ने बताया कि उनको जिले के पांच माॅडल वार्डाें में घर घर जाकर लोगों को कूड़े के बारे में जागरूक करना है। गुरूवार को उनके टीम के द्वारा वार्ड नंबर 35 के सेक्टर 3 स्थित हाउसिंग बोर्ड में जागस्क किया। जिसमें उनके द्वारा लोगों को घर घर जाकर लोगों को डेमो करके सूखा और गीला कूड़े के बारे में अवगत करवा रहे है।
विनोद ने बताया कि घरों में दो तरह का कूड़ा ज्यादातर निकलता है। जिसमें अजौविक सूखा कूड़ा। उक्त कूड़े में प्लास्टिक का कूड़ा, कागज का कूड़ा, घातु का कूड़ा, कांच का कुड़ा व अन्य सूखा कूड़ा मौजूद होताहै। वहीं गीला कूड़ा में रसोई का कूड़ा जिसमें सब्जी, फल के छिलके, बचा भोजन, अंडे के खोल, सड़े गले फल, चाय बैग, काॅफी पाउंडर, पत्ते की प्लेटें, नारियल के खोल आदि आते है। वहीं गीला कूड़ में बगीचे का कूड़ा भी आता है।
जिसमें गिरे हुए पत्ते, टहनियां,पूजा के फूल, माला च कटी घास आदि होते है। इन गीला कूडे़ को अलग करने का मकसद सिर्फ यह होता है कि उससे खाद बनाया जाता है। इसके अलावा घरेलू खतरानाक कूड़ा में पेंट और पेंट लगे डिब्बे, घरेलू सफाई के रासायनिक प्रदार्थ, फिनायल पुराने तेल व मोटर के तेल के डिब्बे, इस्तेमाल की हुई या खराब बैटरी टूटे थर्मामीटर आदि होते है। इन सभी चीजों को अलग अलग करके दिया जाना चाहिए। विनोद ने बताया कि उनकी टीम के द्वारा जागरूक करने के साथ साथ एक पर्चा दिया जा रहा है।
जिसमें कूड़े के बारे में पूरी जानकारी मौजूद है। वहीं वार्ड नंबर 35 के पार्षद कपिल डागर का कहना है कि उनके वार्ड को माॅडल वार्ड के रूप में चुना गया है। उन्होंने बताया कि सेक्टर 3 की सबसे ज्यादा जनसंख्या है। लेकिन एरिया वाइस वह बुहत कम है।
सेक्टर 3 की बात की जाए तो करीब 90 हजार लोग रहते है। इसी वजह से उनके वार्ड को माॅडल वार्ड के तौर पर चुना गया है। ईको ग्रीन के द्वारा जो जागरूक किया जा रहा है। लेकिन वह भी सेक्टर की आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर जागरूक करेंगें। स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में जगह जगह ईको ग्रीन की टीम के द्वारा लोगों को सूखा व गीला कूड़े के बारे में बताया जा रहा है।