किसी भी कानूनी काम के लिए सबसे अधिक प्रयोग होने वाला स्टाम्प पेपर लोगों की जेबें खाली कर रहा है। स्टाम्प पेपर विक्रेता अपनी मर्ज़ी के दामों से स्टाम्प पेपर बेच रहे हैं। फरीदाबाद समेत अन्य तहसील परिसर में स्टांप पेपर विक्रेता कीमत से 30 फीसद ज्यादा रुपये वसूल कर रहे हैं। यह भी एक तरीके से कालाबाज़ारी है। लोग भी अपनी मजबूरी के लिए इन विक्रेताओं से उनके मन मर्ज़ी के दामों से स्टाम्प पेपर खरीद रहे हैं।
यह मामला कुछ समय पहले एसडीएम अपराजिता के संज्ञान में भी आया था। ऐसा मामला आने पर एक स्टांप पेपर विक्रेता को पकड़ा भी गया था, पर इस कार्रवाई के बाद भी अधिक दाम वसूलने का खेल जारी है।
गरीब लोगों की जेब पर यह एक तरीके से डाका है। मजबूरी में लोग दोगुने दाम दे रहे हैं। तहसील के साथ – साथ फरीदाबाद के मिनी सचिवालय में भी स्टांप पेपर महंगे दाम पर बिक रहे हैं। काफी बार तो ऐसा होता है कि 10 से लेकर 100 वाले स्टाम्प पेपर जहां पर उपलब्ध नहीं होते और दूसरी जगह जहां उपलब्ध होते हैं वहां लोग उन्हें दोगुने दाम पर बेचते हैं। लोग लगातार परेशान हो रहे हैं। कुछ स्टांप विक्रेताओं के पास यह स्टांप पेपर होते इन्हें दोगुने रेट पर वो बेचते हैं।
स्टाम्प पेपर बहुत ही आवश्यक माना जाता है। बहुत से ऐसे कार्य होते हैं जो बिना संभव नहीं हो पाते हैं। स्टाम्प पेपर व्यापारी लोगों का फायदा उठा रहे हैं। एक तरफ जहां महामारी के कारण गरीबों की जेब हलकी हुई है वहीँ यहां पर यह लोग इनकी जेबे खाली कर रहे हैं। काफी लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
स्टाम्प पेपर गरीबों के लिए ही अमीरों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होता है। अमीरों को तो कोई समस्या नहीं होती लेकिन गरीबों को इस से काफी परेशानी हो रही है।