अपराध और समस्या की गोद में बैठा फरीदाबाद, कैबिनेट मंत्री की नजरों में है राम- राज्य

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जहां एक तरफ पूरे फरीदाबाद में अपराध के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है वहीं दूसरी तरफ बल्लबगढ़ के विधायक और कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा को फरीदाबाद राम राज्य के रूप में दिखाई दे रहा है। इन दिनों फरीदाबाद में अपराध के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। आए दिन किसी न किसी के आत्महत्या करने की खबार सुर्खियों में बनी रहती है वहीं किडनैपिंग और अन्य अपराध के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है।

दरअसल, नहर पार विकास मोर्चा कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के कार्यालय पर ज्ञापन देने गए थे। मोर्चा की मांग थी कि नहर पार में बस सर्विस शुरू की जाए, जिस पर कैबिनेट मंत्री शर्मा ने उन्हे रोडमैप तैयार करने को कहा था, जिस पर कार्यवाही करते हुए आरडब्ल्यूए और मोर्चा के लोगों ने रोडमैप तैयार ज्ञापन के रूप में मूलचंद शर्मा को सौंपा।

अपराध और समस्या की गोद में बैठा फरीदाबाद, कैबिनेट मंत्री की नजरों में है राम- राज्य

अपनी फरियाद लेकर आए लोगों से केबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने वार्ता के दौरान कहा कि फरीदाबाद राम राज्य है, क्योंकि यहां पर किसान संगठनों द्वारा घोषित चक्का जाम का कोई असर देखने को नही मिला।

आपको बता दे कि राम राज्य का अर्थ है जहां पर किसी भी प्रकार अपराध ना हो और प्रजा सुख – शांति के साथ अपना गुजर – बसर कर सके। इसी राम राज्य की तुलना मूलचंद शर्मा ने फरीदाबाद से की है। परंतु फरीदाबाद की स्थिति बिल्कुल पलट है।

फरीदाबाद की जनता सुख – शांति से नही अपितु समस्याओं से दो चार होकर अपना गुजर बसर कर रही है। वही जिले में अपराध के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है।

आपको बता दे कि शनिवार को किसान संगठनों द्वारा कृषि कानूनों के विरोध में चक्का जाम का आह्वाहन किया गया था, जिसका फरीदाबाद में कोई असर देखने को नही मिला वही किसानों द्वारा घोषित किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन का फरीदाबाद में कोई असर देखने को नही मिला है चाहे वह दिल्ली की तरफ़ कूच करना हो या ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लेना हो, जिले में किसी भी विरोध प्रदर्शन का कोई असर देखने को मिला है। शायद इसी को देखकर कैबिनेट मंत्री शर्मा ने फरीदाबाद की तुलना राम राज्य से की है।

अपराध और समस्या की गोद में बैठा फरीदाबाद, कैबिनेट मंत्री की नजरों में है राम- राज्य

ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि मंत्री जी को क्या फरीदाबाद की स्थिति नजर नही आती या फिर वह जान – बूझकर सच्चाई से आंखें मूंदे बैठे है।

Written by Rozi Sinha