जहां मंडराएगा अतिक्रमण का खतरा वहां बनेगी सुरक्षा दीवार, दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे होगा तैयार

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जब किसी अच्छे कार्य की शुरुआत होती है तो कहीं ना कहीं कुछ परिस्थितियां ऐसी बन जाती है कि वह उन्नति के कार्य में रोड़ा बन जाती है कुछ ऐसा ही दृश्य दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए बाईपास किनारे अवैध निर्माणों को देखने में मिल रहा है।

वैसे तो सारी बातें जानते हुए भी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) फिलहाल निशानदेही करने में जुटा हुआ है। यही वजह है कि अभी तक एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू होने में असमर्थ साबित हुआ है।

जहां मंडराएगा अतिक्रमण का खतरा वहां बनेगी सुरक्षा दीवार, दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे होगा तैयार

इस वाक्य का ताज़ा उदाहरण देखते हुए भी इससे सबक लेते हुए एक्सप्रेस-वे बनने के बाद दाएं-बाएं सरकारी जमीन की हिफाजत के लिए सुरक्षा दीवार बनाने की योजना है, ताकि कब्जाधारक एक्सप्रेस-वे की ओर न बढ़ सकें।

जानकारी के मुताबिक प्रथम चरण में सुरक्षा दीवार ऐसी जगह बनाई जाएगी, जहां अवैध निर्माण होने की आशंका सबसे अधिक होगी।

जिले से निकलने वाले प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे की राह में फिलहाल ऐतमादपुर, सेक्टर-28 और सेक्टर-9 के सामने बड़ौली में काफी अवैध निर्माण हैं। एचएसवीपी के प्रशासक प्रदीप दहिया की भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों से इस जगह पर दीवार बनाने के लिए बात हुई है।

जहां मंडराएगा अतिक्रमण का खतरा वहां बनेगी सुरक्षा दीवार, दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे होगा तैयार

एक्सप्रेस-वे को तीन हिस्सों में बांटा हुआ है। इसका पहला हिस्सा डीएनडी फ्लाईओवर से शुरू होकर मीठापुर तक 9 किलोमीटर, दूसरा मीठापुर से मलरेना पुल तक 24 किलोमीटर और तीसरा मलेरना पुल से सोहना तक 26 किलोमीटर होगा। तीनों हिस्से के तहत जमीन अधिग्रहण की जा चुकी है।

बाईपास को 12 लेन बनाने के लिए एनएचएआइ अधिकारियों को कुल 70 मीटर जगह चाहिए। इससे कम में योजना सिरे नहीं चढ़ सकेगी। लेकिन फिलहाल कई जगह बड़े स्तर पर निर्माण बने हुए हैं। इसलिए अभी परेशानी बनी हुई है। खाली जमीन पर होते हैं कब्जे

जहां मंडराएगा अतिक्रमण का खतरा वहां बनेगी सुरक्षा दीवार, दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे होगा तैयार

बाईपास की बात की जाए तो फिलहाल 26 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के किनारे काफी अवैध निर्माण हैं। इसके अतिरिक्त हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की बड़खल में भी 50 एकड़ जमीन कब्जे में है। इसके अलावा सेक्टर-20ए और 20बी में 500 करोड़ की जमीन पर कब्जा था जहां फिलहाल तोड़फोड़ का कार्य चल रहा है।

दरअसल, सरकारी जमीन की न तो तारफेंसिग की जाती है और न ही चहारदीवारी की जाती है। सबसे बड़ा कारण यही है कि वजह से खाली जमीन पर कब्जे हो रहे हैं। बाईपास किनारे काफी अवैध निर्माण हैं। इनकी निशानदेही का काम चल रहा है। इन्हें जल्द तोड़ दिया जाएगा।

अब यहां एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा, इसलिए भविष्य में कब्जे न हो, सुरक्षा दीवार बनानी जरूरी है। इस बारे में एनएचएआइ अधिकारियों से बात हो चुकी है।

प्रदीप दहिया जो कि प्रशासक है एचएसवीपी एक्सप्रेस-वे के उनका कहना है कि बाईपास को टेकओवर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल यहां अवैध निर्माण हटाने जरूरी हैं। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद दाएं-बाएं जमीन की सुरक्षा उक्त विभाग की जिम्मेदारी होगी। जहां-जहां अवैध निर्माण होने का खतरा रहेगा, वहां सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी।