इन दिनों प्रदेश और जिले में एचएसआरपी का नाम बहुत ज़्यादा सुनाई देने लगा है। एचएसआरपी जिसकी गाड़ी पर नहीं है उसका भारी चालान काटा जा रहा है। प्रदेश में एचएसआरपी लगवाने की तारीख में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। लेकिन सरकार ने लोगों को राहत जरूर दी है। दरअसल, अब गाड़ी राज्य के किसी भी जिले की हो, वाहन स्वामी किसी भी जिले में एचएसआरपी लगवा सकता है।
पहले ऐसा संभव नहीं हो पा रहा था लेकिन अब यह मुमकिन कर दिया गया है। इस कदम से उन लाखों नौकरीपेशा लोगों को राहत होगी, जो ट्रांसफर होकर किसी दूसरे शहर में पोस्ट हो चुके हैं और गाड़ी किसी शहर से खरीदी थी।
जनता की सुविधा के लिए यह कदम उठाया गया है। इस से प्रदेशवासियों में ख़ुशी का माहौल है। सूबे में एचएसआरपी लगवाने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर थी। सरकार ने इसमें किसी तरह की छूट नहीं दी है। 1 जनवरी से बगैर एचएसआरपी लगे वाहनों के चालन शुरू हो गए हैं। इस आदेश के बाद उन लोगों को परेशानी आई जो किसी दूसरे शहर में नौकरी कर रहे हैं और वाहन दूसरे शहर में रजिस्टर्ड है।
होम डिलीवरी भी अब इसकी फरीदाबाद में शुरू कर दी गयी है। अब लोग घर बैठे एचएसआरपी मंगवा सकते हैं। अब किसी की गाड़ी अंबाला या हिसार जिले में रजिस्टर्ड है और उसकी पोस्टिंग फरीदाबाद या गुरुग्राम में है तो वो अब यहीं पर आवेदन कर एचएसआरपी लगवा सकता है। राज्य में बगैर एचएसआरपी लगे वाहनों के लिए पहली बार 500 की पेनाल्टी और दूसरी बार 1500 रुपए पेनाल्टी हैं।
लोग भारी चालान से ,बचने के लिए लगातार एचएसआरपी लगवा रहे हैं। लेकिन बहुत सी वाहनों में अभी तक यह नहीं लगी हैं। हालांकि हरियाणा में एक साल पहले भी ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन सफल नहीं हुई और पूरीतरह बंद दी गई थी। अब दोबारा से शुरू की गई है। एचएसआरपी के साथ कलर कोडेड स्टीकर भी अनिवार्य कर दिया गया है।