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सर्वोदय अस्पताल में 2 मरीजों के हार्ट के तावी तकनीक से हुए ऑपरेशन सफल, बचाई जान

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सेक्टर 8 स्थित सर्वोदय अस्पताल में तावी तकनीक के इस्तेमाल से उन दो मरीजों के सफल ऑपरेशन हुए। जिनकी अन्य बिमारियों और खराब शारीरिक अवस्था के कारण परम्परागत इलाज की प्रक्रियाओं से उनका जीवन बचाना मुश्किल था। जिसका श्रेय सर्वोदय अस्पताल के एडवांस्ड कार्डियक साइंसेज विभाग को जाता है।

87 वर्ष के राजचंद हार्ट फेलियर की अवस्था में अस्पताल आए और मेडिकल स्पोर्ट के लिए उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आशीष चैहान बताते हैं कि मरीज का हार्ट अपनी पूर्ण क्षमता का सिर्फ 25 से 30 ही काम कर रहा था।

सर्वोदय अस्पताल में 2 मरीजों के हार्ट के तावी तकनीक से हुए ऑपरेशन सफल, बचाई जान

उनके हार्ट का एओटिक वाल्व भी खराब था। इसके अलावा उनके फेफड़ों में निमोनिया बन गया था और उनकी किड़नी की हालत भी बहुत खराब थी। उनकी अधिक उम्र भी उनको परम्परागत ओपन हार्ट सर्जरी के लिए उपयुक्त मरीज नहीं बनने दे रही थी। इसलिए मरीज के शारीरिक अवस्था के पूर्ण अध्यन के बाद उनके लिए तावी प्रक्रिया जिसमें टांग की नस द्वारा एओटिक वाल्व को बदल दिया जाता हैं।

सर्वोदय अस्पताल में 2 मरीजों के हार्ट के तावी तकनीक से हुए ऑपरेशन सफल, बचाई जान

वहीं 67 वर्षीय बिमला देवी सांस की तकलीफ, पैरों में सूजन के साथ एडमिट हुई थी। वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एल के झा ने बताया कि मरीज की जांच के बाद पाया गया कि उनका हार्ट अपनी क्षमता का सिर्फ 20 प्रतिशत ही कार्य कर रहा है और साथ ही उनका एओटिक वाल्व भी खराब है। ऐसी अवस्था में परम्परागत तौर पर ओपन हार्ट तकनीक ही कारगर होती है। परन्तु जब उस ऑपरेशन के लिए जरुरी जांच की गयी, तो पाया गया कि मायएसथेनिया ग्राविस (मांसपेशियों की बीमारी जिसमे एनेस्थीसिया (बेहोश करने की प्रक्रिया) नहीं दिया जा सकता हैं) की बीमारी थी और ओपन हार्ट सर्जरी बिना एनेस्थीसिया दिए नहीं हो सकती। इसलिए इनका ऑपरेशन तावी तकनीक से किया गया। ऑपरेशन के 24 घंटे बाद मरीज चलने फिरने लगा और 3 दिन के अंतराल के बाद उसे हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गयी।

सर्वोदय अस्पताल में 2 मरीजों के हार्ट के तावी तकनीक से हुए ऑपरेशन सफल, बचाई जान

वरिष्ठ सी टी वी एस सर्जन डॉ सुमित नारंग ने बताया कि इस तकनीक के इस्तेमाल से मरीजों के लिए ईलाज के नए विकल्प खुलेंगे और हम उन लोगों जिनकी शारीरिक अवस्था या किसी बीमारी के कारण बाईपास सर्जरी नही कर सकतेए उन मरीजों के जीवन को भी बचा सकते है द्य यह तकनीक बहुत ही एडवांस कार्डियक सेंटरों में ही उपलब्ध हो पाती है। क्यूंकि इसको करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक के साथ कार्डियोलॉजिस्टए कार्डियक सर्जनए नेफ्रोलॉजिस्ट और एनेस्थीसिया की कुशल टीम का होना महत्वपूर्ण होता है।

सर्वोदय अस्पताल के चेयरमैन डॉ राकेश गुप्ता ने कार्डियोलॉजी एवं कार्डियक सर्जरी विभाग की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा की सर्वोदय अस्पताल समाज कल्याण के लिए निरंतर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए वो आधुनिकतम तकनिकी एवं रियायती दरों पर समाज के सभी वर्गों को लाभान्वित कर रहे हैं और इसी दिशा में वो आगे भी कार्यरत रहेंगे ।

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