जिंदगी में इंसान को मंजिल रंग-रुप, कद या पैसा देखकर नहीं मिलती, उसके लिए मेहनत और हौंसला रखना पड़ता है। आज हम आपको ऐसी ही एक महिला वकील की कहानी बताने जा रहे हैं।
जिन्होंने बचपन से ही लोगों के काफी ताने सुने और साबित किया कि मेहनत और लगन से हर कोई अपनी मंजिल को हासिल कर सकता है। जी हां जिस वकील के बारे में बताने जा रहे है, उसके बारे में लोग मजाक बनाते है लेकिन उसने मजाक को ही अपनी कामयाबी बना ली।
जालंधर कोर्ट की वकील और रामामंडी की रहने वाली 24 साल की हरविंदर कौर उर्फ रुबी का कद 3 फुट 11 इंच है जिसके लिए उन्हें काफी ताने सुनने पड़ते थे लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
रूबी इस दर्द को अपने भीतर दबाए समाज की परवाह किए बिना अपने लक्ष्य को हासिल करने में जुटी रहीं। अब वे देश की सबसे छोटे कद की एडवोकेट बन गई हैं और ज्यूडिशियल सॢवसिज की तैयारी कर रहीं हैं।
वहीं एडवोकेट हरविंदर कौर ने बताया कि बचपन से ही एयर होस्टेस बनना चाहती थी लेकिन छोटी हाइट के कारण उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया था। बचपन से ही उनकी ग्रोथ काफी स्लो थी।
काफी डॉक्टर को दिखाया दवाई ली मेडिटेशन की लेकिन कोई असर नहीं हुआ जब उन्हें यह बात समझ आए कि यह सब नैचुरल है तब उन्होंने एयर होस्टेट बनने का सपना छोड़ दिया।
इंसान की काबिलियत उसके रंग-रूप या शरीर के आकार से नहीं आंकी जा सकती। फिर भी हमारे समाज में ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो इन वजहों से किसी की क्षमता पर सवाल उठाने लगते हैं। कामयाबी के आसमान को छूने के लिए कद का बड़ा होना जरूरी नहीं, बल्कि हौसला बड़ा होना चाहिए।