भले ही देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा अपनी जान गवाई जा रही है मगर आलम यह है कि ना तो आंदोलन से ना ही किसानों की जान जमाने से सरकार पर कोई प्रभाव पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। मगर इतना जरूर है कि इस आंदोलन में जान गवाने वालों ने अपने परिवार को ऐसा दर्द दे दिया है
जिसे जीवन भर भी भुलाया नहीं जा सकता है। इन्हें परिवार में किसान अजय का परिवार में शामिल है जिसकी मौत 8 दिसंबर को हार्ट अटैक की वजह से हो चुकी थी। जिसके बाद से ही अजय के पूरे परिवार को ना सिर्फ दुख होगा बल्कि आजीवन नाम भूल पाने वाले मंजर का पहाड़ टूट पड़ा।
अजय और उसका परिवार हरियाणा के अंतर्गत आने वाले गोहाना के गांव बरोदा में रहता था। आपको जानकर हैरानी होगी कि महज 32 साल में किसान अजय की मौत हार्ट अटैक की वजह से हो गई थी। अजय ने 14 साल पहले ही अपनी पत्नी से प्रेम विवाह किया था। जिसके बाद से ही दोनों अपना जीवन गुजर बसर कर रहे थे।
इस बीच दोनों की प्यारी बेटियां भी जन्मी। जिसके बाद से ही घर में खुशी का माहौल बना हुआ था। अजय गांव में ही 1 एकड़ जमीन में खेती कर अपने और अपने परिवार का गुजर-बसर कर खुशी के जीवन व्यतीत कर ही रहा था कि किसान आंदोलन ने सब कुछ खत्म कर दिया।
मीडिया से बात करते हुए अजय के परिजनों ने बताया कि अजय को एक समय में पहलवानी का बहुत शौक था जिसके बाद से ही वह हरियाणा,पंजाब, हिमाचल में होने वाले दंगलों में भी बतौर प्रतिभागी हिस्सा भी लिया करता था। इसी बीच अजय की मुलाकात हिमाचल में रहने वाली भावना से हुई और देखते ही देखते मुलाकात कब मोहब्बत में बदल गई पता ही नहीं चला। जिसके बाद उन्होंने आज से ठीक 14 साल पहले शादी कर ली थी उनके घर में तीन बेटियों ने भी जन्म लिया था।
जिनसे अजय बेहद प्यार करता था। अजय का सपना था कि अपनी बेटियों का पहलवान व अफसर बनते हुए देखें। जिसके लिए वह कड़ी मेहनत करने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ता था।
अजय अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर गया है जिसमें उसकी विधवा पत्नी के अलावा तीन बेटियां भी है। इसी परिवार में उसके बूढ़े माता-पिता भी रहते हैं। अजय अपने घर में इकलौता कमाई का जरिया था।
इससे पहले भी 7 साल पहले ही अजय के बड़े भाई की मौत एक हादसे में हो चुकी थी। अजय के जाने के बाद से ही पूरे परिवार की आर्थिक इससे भी दयनीय हो चुकी है। अजय के बूढ़े माता-पिता और विधवा पत्नी को तीनों बेटियों के भविष्य की चिंता अंदर ही अंदर कचोट रही है।
अजय की पत्नी भावना ने बताया कि उनकी तीनों बेटियों में बड़ी बेटी पूर्वी व परी (7) दोनों जुड़वा बहनें हैं और छोटी बेटी वंशिका (6) तीनों ही प्राइवेट स्कूल पढ़ती हैं। भावना ने बताया कि अजय की मौत ने उनके बूढ़े माता-पिता को अंदर तक तोड़ कर रख दिया है।
भावना ने बताया कि आज है के जाने के बाद उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है। उन्होंने बताया कि उनकी बूढ़ी सास ससुर की पेंशन आती है और घर में एक भैंस से होने वाले दूध को बेच कर ही किसी तरह पूरे परिवार का गुजारा हो रहा है।
वही अजय की माता कृष्णा सारा दिन अजय की तस्वीर सीने से लगाए उसे याद करती रहती हैं। अब परिवार इसी आस में है कि सरकार उनकी हालत देखते हुए अजय की पत्नी को कोई नौकरी दे दे और आर्थिक मदद करे ताकि परिवार का गुजारा चल सके और अजय के सपने को पूरा किया सके।