एमडीयू की सेमेस्टर परीक्षाओं को लेकर जल्द आ सकता है बड़ा फैसला, प्रैक्टिकल परीक्षाएं ऑनलाइन लिए जाने पर लगी मोहर।

0
535

महर्षि दयानंद विश्विद्यालय से सम्बद्ध शिक्षण संस्थानों में वाइवा और प्रैक्टिकल परीक्षाएं स्काइप या गूगल हैंगआउट जैसी एप के जरिए आयोजित की जाएंगी। कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन में परीक्षाएं कराने को एमडीयू ने ये फैसला लिया है।

इसके तहत संस्थान आदेशानुसार ऑनलाइन ही परीक्षाओं का आयोजन कर सकेंगे। इसे लेकर सभी कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। एमडीयू के मुताबिक विश्विद्यालय अनुदान आयोग की ओर से परीक्षाओं और अकादमिक कैलेंडर को लेकर दिए गए सुझावों के आधार पर विश्वविद्यालय ने इस बाबत योजना बनाई है।

एमडीयू के कुलपति का कहना है कि एमफिल और पीएचडी छात्रों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। क्योंकि उनके लिए प्रैक्टिकल परीक्षाओं से लेकर शोधपत्र जमा करने की अंतिम तिथि अप्रैल में ही निकल चुकी है।

किस प्रकार ऑनलाइन ली जाएगी प्रैक्टिकल परीक्षाएं  :-

एमडीयू ने निर्देश दिए हैं कि विश्वविद्यालय की ओर से प्रैक्टिकल परीक्षाएं और वाइवा स्काइप या दूसरी मीटिंग एप के जरिए ऑनलाइन लिए जा सकते हैं। वहीं पीएचडी और एमफिल के वाइवा भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो सकते हैं। इसके गूगल, स्काइप या माइक्रोसॉफ्ट जैसी किसी भी तकनीक की मदद ले सकते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ये भी ध्यान रखना होगा कि इसमें रिसर्च सुपरवाइजर और परीक्षक के अलावा रिसर्च एडवाइजरी कमेटी, सम्बंधित विभाग की सभी फैकल्टी रिसर्च स्कॉलर शामिल हों।

शोध पत्र जमा कराने की लिए दिया गया अतिरिक्त समय:-

यूनिवर्सिटी ने कहा है कि जिन पीएचडी छात्रों के नियमों के तहत थिसिस जमा कराने की अवधि खत्म होने वाली है या इस दौरान खत्म हो चुकी है वे बाकी सारी औपचारिकताओं के साथ आने वाले छह महीने तक इसे जमा करा सकेंगे। इसके अलावा पीएचडी छात्रों के लिए प्री सबमिशन सेमिनार का आयोजन भी ऑनलाइन किया जाएगा। वहीं परीक्षा में शामिल होने की न्यूनतम उपस्थिति को लेकर फैसला लिया है की छात्रों और रिसर्च स्कॉलर के लिए लॉकडाउन की अवधि को डीम्ड टू भी अटेंडेंट ही गिना जाएगा।

जल्द ही लिया जाएगा सेमेस्टर परीक्षा पर फैसला:-

फरीदाबाद के सेक्टर 16 स्थित पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सुनिधि ने बताया कि इस समय कॉलेज छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी हैं और इस दौरान उन्हें लगातार परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि जब भी परीक्षाओं को लेकर कोई फैसला आए तो छात्र उसके लिए तैयार रहें।