फरीदाबाद (बल्लभगढ), 11 फरवरी। एसडीएम अपराजिता ने बल्लभगढ़ के ऐतिहासिक स्थल स्थानीय रानी की छतरी का निरीक्षण किया। एसडीएम अपराजिता ने वहां पर चल रहे जीर्णोद्धार विकास कार्य का निरीक्षण करके संबंधित टेक्निकल अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि रानी की छतरी के जीर्णोद्धार विकास कार्य में सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार किसी भी प्रकार की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि रानी की छतरी के नवीनीकरण कार्य को निर्धारित समय पर पूरा करना सुनिश्चित करें।
गौरतलब है कि रानी राजा नाहर सिंह की ऐतिहासिक नगरी की रानी की छतरी लगभग 300 वर्ष पुरानी है। सरकार द्वारा इसका लगभग पौने दो करोड रुपए की धनराशि से जीर्णोद्धार किया जा रहा है।
बल्लभगढ़ के राजा नाहर ¨सह की रानी के स्नान के लिए बल्लभगढ़ सरकारी अस्पताल और राष्ट्रीय राजमार्ग के पास छतरी और शाही तालाब का निर्माण कराया गया था। इस तालाब में आगरा नहर से साफ पानी भरा जाता था। तालाब में रानी स्नान करती थीं और वे छतरी के ऊपर चढ़कर पूजा पाठ करती थीं।
राजा नाहर सिंह 1857 की क्रांति के अग्रणी योद्धाओं में शामिल थे। अंग्रेजों ने उन्हें धोखे से बंधक बनाकर नौ जनवरी 1858 में दिल्ली में लाल चौक पर फांसी पर लटका दिया था। इसके बाद राजा के सभी ऐतिहासिक स्थलों को अंग्रेजों ने अपने कब्जे में ले लिया। आजादी के बाद सभी ऐतिहासिक स्थलों पर राज्य सरकार का कब्जा हो गया।
रानी की छतरी में स्वास्थ्य विभाग ने बाल कल्याण स्वास्थ्य केंद्र स्थापित कर दिया। जब रानी की छतरी और शाही तालाब की स्थिति जर्जर हो गई तो प्रशासन ने इंटेक संस्था की मदद से इसका जीर्णोद्धार करने का काम शुरू कर किया।
बल्लभगढ़ शहर का ऐतिहासिक स्थल रानी की छतरी महल में धौलपुर का पत्थर लगाकर उसे चमकाया जा रहा है। नगर निगम के अधीन चल रहा यह जीर्णोद्धार विकास कार्य लगभग 4 महीने में पूरा होगा। रानी की छतरी, तालाब सहित महल अन्य स्थानों का भी नवीनीकरण किया जा रहा है।