इन दिनों लगातार भारत में ट्विटर और कू एप की चर्चाएं हो रही हैं। ट्विटर से टकराव के बीच यह एप आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दरअसल, आत्मानिर्भर भारत के तहत माइक्रोब्लॉग्गिंग साइट ट्विटर का विकल्प लाया गया है और एक नई ऐप लॉन्च की गई है। जिसे कू एप नाम दिया गया है। कृषि कानूनों पर कुछ हैशटैग को लेकर ट्विटर केंद्र सरकार के निशाने पर है।
भारत सरकार और ट्वीटर के बीच में चल रहे विवाद के बीच में यह एप काफी लोकप्रिय हो रहा है। इस ऐप को पूरी तरह से ट्विटर जैसा ही बनाया गया है। कू एप को केंद्र सरकार के मंत्रियों और सरकारी विभागों का समर्थन मिलने के चलते उसके यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
स्वदेशी ट्विटर बन ने दौड़ में कू निकल पड़ा है। ये एक स्वदेशी ऐप है, जिसमें डेटा लीक होने का खतरा कम होगा। आपको बता दें, सरकार ने खालिस्तानियों से संबंधित अकाउंट्स को हर हाल में डिलीट करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन ट्विटर इसके लिए फिलहाल तैयार नहीं है। इसी को लेकर इन दोनों पक्षों में फ़िलहाल विवाद चल रहा है।
कू एप को भी लोग पसंद कर रहे हैं। इसे प्ले स्टोर पर एक मिलियन से अधिक बार लोग डाउनलोड कर चुके हैं। कू एप काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। हाल ही के दिनों में व्हाट्सऐप, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया ऐप डेटा को लेकर लगातार विवादों में घिर रही थी। ऐसे में अब भारतीयों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए ये ऐप लाई है।
कू एप स्वदेशी है और इसे बेंगलुरु की बॉम्बिनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है। ट्विटर की तरह कू एक माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट है। इसे मेड इन इंडिया ट्विटर कहा जा सकता है। यह हिंदी, अंग्रेजी समेत आठ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।