फरीदाबाद में पक्षियों की 219 प्रजाति है मौजूद, जानिये सालों के अध्यन के बाद आई चौकाने वाली रिपोर्ट

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    जितनी तेज़ी से विकास हो रहा है इतनी तेज़ी से जानवरों की काफी प्रकार की प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। दिल्ली एनसीआर के एकमात्र सघन वन क्षेत्र मंगर बनी में पक्षियों की 219 प्रजातियों का बसेरा है। इनमें कई दुर्लभ विलुप्त होने के कगार वाली प्रजातियों के पक्षी भी शामिल है। यह दावा पर्यावरण प्रभाव और वन्य संरक्षण पर अध्ययन करने वाली सेंटर फॉर इकोलॉजिकल लपमेंट एंड रिसर्च संस्था ने अपने सर्वे रिपोर्ट में किया है।

    पर्यावरण की सुरक्षा आज हम सभी को मिल कर करने की ज़रूरत है। लगातार बढ़ते प्रदूषण से भी पक्षियों और जानवरों की संख्या कम होती जा रही है। अब इस मामले में, संस्था ने करीब 1 साल तक क्षेत्र का सर्वे कराया था।

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    हम विकास के रास्ते पर बहुत आगे पहुंच चुके हैं लेकिन पर्यावरण और प्रकृति से लगातार हमने धोका किया है। ताज़ा मामले में, सर्वे की अंतिम रिपोर्ट वन्य प्राणी विभाग हरियाणा को भेजी गई है। संस्था का दावा है कि इस क्षेत्र में पक्षी विविधता को सुव्यवस्थित तरीके से इंगित करने के लिए यह पहला सर्वे है। सर्वे वरिष्ठ जीव वैज्ञानिक गजाला शहाबुद्दीन के नेतृत्व में पक्षी विशेषज्ञ मीशा बंसल और स्थानीय शोधकर्ता सुनील हरसाना ने किया।

    गौरैया

    गौरैया भी आज कल दिखाई नहीं देती है। पर्यावरण को लगातार ठेस पहचानें के दुष्प्रभाव हम सभी को झेलने हैं। अब जो सर्वे किया गया है उसमें राष्ट्रीय स्तर पर दुर्लभ घोषित छह प्रजातियों मिलीं। इसमें छोटा राजालाल (स्माल मिनिवेट), बादामी माथावाली दुमफुदकी (रूफस फ्रंटेड प्रीनिया), तरती टूइया (कोमन वुडश्राईक), मराठा कठफोडा (येलो क्राउन वुडपैकर), सांपमार (शार्ट टोयड स्नेक ईगल) और सरकीर मालकोहा (सरकीर मालकोहा) शामिल हैं।

    फरीदाबाद में पक्षियों की 219 प्रजाति है मौजूद, जानिये सालों के अध्यन के बाद आई चौकाने वाली रिपोर्ट

    फरीदाबाद में अरावली क्षेत्र में मांगर बनी के संरक्षण के लिए हरियाणा सरकार को नीतिगत निर्णय लेने की ज़रूरत है। हमें भी प्रकृति का ध्यान रखने की ज़रूरत है।