आए दिन सड़क पर कोई ना कोई हादसा देखने को मिलता ही है। लेकिन उस हादसे में कई घायल भी होते है। उक्त घायलों की मदद करने की बजाए लोग तमाशबिन बने रहते है।
ऐसा ही एक मामला आज से तीन साल पहले नेशनल हाईवे पर देखने को मिला था। जहां घायल महिला उपचार के लिए तरस रही थी, लेकिन लोग विडियो और फोटो खींचने में लगे हुए थे।
तभी वहां से गुजरने वाली सेक्टर 3 निवासी मुक्ता ने अपनी कार को रोका और देखा कि घायल महिला की कोई मदद नहीं कर रहा था। तभी उस महिला ने रोड सेफ्टी ऑर्गनिजेशन के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट एस के शर्मा को फोन करके घटना की जानकारी दी।
जिसके बाद मुक्ता घायल महिला को लेकर अस्पताल पहुंच गई। मुक्ता ने बताया कि वैलेंटाइन डे से 1 दिन पहले उनके पति उनको शॉपिंग कराने के लिए लेकर गए थे।
शॉपिंग करने के बाद जब वह घर वापस आ रही थी, तभी उन्होंने देखा कि नेशनल हाईवे पर दोपहर के समय मेट्रो स्टेशन के पास एक महिला घायल अवस्था में पड़ी हुई थी। घायल महिला के पास उसका 22 साल का बेटा असहाय ऐंबुलेंस के लिए बैठा हुआ था।
उस समय वहां काफी संख्या में लोग भी मौजूद थे लेकिन वह तमाशबीन होकर फोटो और वीडियो खींचने में लगे हुए थे। जिसके बाद उन्होंने उक्त महिला को उपचार के लिए सेक्टर 16 स्थित मेट्रो अस्पताल पहुंचाया।
जहां डाॅक्टरों ने बताया कि अगर समय रहते उक्त महिला का उपचार नहीं होता, तो उसकी जान बचना मुश्किल हो जाता। महिला ने होश में आने के बाद बताया कि बदरपुर की रहने वाली विमला है। मुक्ता ने बताया कि वह पेश से सेक्टर 14 स्थित मानव रचना स्कूल में टीचर के पद पर कार्यरत है।
उन्होंने बताया कि अगर लोग ऐसे तमाशबीन ना बने तो बने रहते है। इसलिए लोगों को आगे आकर आम जनता की मदद करनी चाहिए। क्योंकि समय का कुछ पता नहीं होता है कि कौन कब कहा किस हालत में पड़ा हो।
उनको इस कार्य के लिए पूव सीपी हनीफ कुरेशी के एक हजार रूपये क इनाम भी दिया गया था। वहीं एस के शर्मा का कहना है कि इस तरह के लोग अगर अपनी जिम्मेवारी कीे समझने लग जाए। तो लोग पुलिस पर पाबंद नहीं रहेगें। क्योंकि वह अपनी खुद की सुरक्षा कर पाएंगें। इसलिए सड़क पर पड़े हर धायल की मदद करनी चाहिए ना कि उनकी विडियो और फोटो खीचंनी चाहिए।