जब हौसलों में उड़ान होती है तो बड़े से बड़ा लक्ष्य भी छोटा नजर आता है। अपने कर्तव्य को पूरा न करने के हजार बहाने हो सकते हैं परंतु उसे करने का यदि एक बहाना इंसान ढूंढ ले तो वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करके ही रहता है।
ईमानदारी और जज्बे का ऐसा ही उदाहरण ट्रैफिक पुलिसकर्मी संदीप ने पेश किया है जिन्होंने परिस्थितियां विपरीत होने पर भी अपनी ड्यूटी को जरूरी समझा और ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए सीवर के गंदे पानी में खड़े होकर भी अपनी ड्यूटी निभाई।
9 फरवरी देर शाम 8:00 बजे पुलिस उपायुक्त डॉ अर्पित जैन सिविल ड्रेस में अपनी गाड़ी लेकर अनंगपुर चौक से जा रहे थे कि उन्होंने देखा कि एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी गंदे पानी में खड़ा है और सड़क पर जाम न लगे इसके लिए अपनी ट्रैफिक ड्यूटी बहुत अच्छे तरीके से निभा रहा है।
यह देखकर पुलिस उपायुक्त बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने ट्रैफिक पुलिसकर्मी को अपने पास बुलाया और उसे अपनी पहचान बताई।
डॉक्टर अर्पित जैन ने पुलिसकर्मी को ईमानदारी और सच्ची निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाने के लिए शाबाशी दी और उसे अपने कार्यालय में बुलाया।
पुलिस उपायुक्त ने पुलिसकर्मी को प्रोत्साहित करते हुए अपने कार्यालय में बुलाकर प्रशंसा पत्र और ₹200 का नगद इनाम दिया।
डॉ अर्पित जैन ने कहा कि यदि चाहता तो वह पुलिसकर्मी भी आराम से कुर्सी पर बैठ सकता था परंतु लोगों को असुविधा न हो इसलिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए बहुत ही बेहतरीन ढंग से अपनी ड्यूटी निभाई।
पुलिसकर्मी ने भी पुलिस उपायुक्त का धन्यवाद करते हुए कहा कि पुलिस उपायुक्त से सम्मान पाकर वह बहुत खुश है और जब उच्च अधिकारी उनके कार्य को सराहते हुए उन्हें पुरस्कृत करते हैं तो उन्हें ओर अधिक प्रोत्साहन मिलता है और अपने वह खुश होकर अपने कर्तव्य को ओर भी बेहतरीन ढंग से निभाने की कोशिश करते हैं।