जे.सी. बोस विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को थैलेसीमिया परीक्षण की सहूलियन देगा।

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रोटरी ब्लड बैंक से किया समझौता, ब्लड बैंक की ऐप का रखरखाव करेगा विश्वविद्यालय। फरीदाबाद, 11 फरवरी – जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा थैलेसीमिया के परीक्षण के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।

थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकास है जो हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन की शरीर की क्षमता को प्रभावित करता है।

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को थैलेसीमिया परीक्षण की सहूलियन देगा।

यह जानकारी कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने जेसी बोस विश्वविद्यालय और रोटरी ब्लड बैंक (आरबीबी) चैरिटेबल ट्रस्ट फरीदाबाद के बीच समझौता पर हस्ताक्षर के दौरान दी। विश्वविद्यालय द्वारा अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में रोटरी ब्लड बैंक के लिए ऐप विकसित की है।

जिसके रखरखाव के लिए विश्वविद्यालय ने तकनीकी सेवा प्रदान करने को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। रोटरी ब्लड बैंक द्वारा विश्वविद्यालय में एक डेटा एनालिटिक्स प्रयोगशाला भी विकसित की है।

समझौते पर कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग और रोटरी ब्लड बैंक के अध्यक्ष रोटेरियन महेंद्र मेहतानी कुलपति प्रो दिनेश कुमार की उपस्थिति में समझौता हस्ताक्षर किए। रोटेरियन महेन्द्र मेहतानी ने कुलपति को थैलेसीमिया पर जागरूकता अभियान चलाने के लिए विश्वविद्यालय को सहयोग देने की पेशशक की।

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को थैलेसीमिया परीक्षण की सहूलियन देगा।


उन्होंने कहा कि रोटरी ब्लड बैंक विश्वविद्यालय की आवश्यकता के अनुसार रियायती दरों पर विद्यार्थियों के लिए थैलेसीमिया के नैदानिक परीक्षण के लिए तैयार है। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की अध्यक्षा डॉ। नीलम तुर्क, परियोजना की नोडल अधिकारी सुश्री रश्मि चावला, समन्वयक डॉ. शैलेंद्र गुप्ता और श्री भारत भूषण, रोटरी ब्लड बैंक से संजय वधावन, आशीष गुप्ता, योगेश सचदेवा, मीनू गुप्ता और दीपक प्रसाद भी उपस्थित थे।

कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की उपस्थिति में रोटरी ब्लड बैंक के साथ समझौता हस्तांतरित करते हुए कुलसचिव डाॅ. सुनील कुमार गर्ग और रोटेरियन महेंद्र मेहतानी। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार को स्मृति चिह्न प्रदान करते हुए रोटरी ब्लड बैंक के पदाधिकारी।