जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी द्वारा बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर एक मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें बोर्ड परीक्षा से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई।
दरअसल, कोरोना के चलते बच्चों की पढ़ाई पर काफी असर हुआ है जिसको भरपाई करने के लिए शिक्षा विभाग सख्त है और उचित कदम उठा रहा है। बच्चों की काउसलिंग हो या फिर पाठ्यक्रम को कम करना सभी प्रकार के कदम शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए है। इसी के मद्देनजर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी ने दसवीं कक्षा के बोर्ड परीक्षाओं को लेकर खंड शिक्षा अधिकारियों की मीटिंग ली तथा बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर उचित दिशा – निर्देश दिए। इस मीटिंग में सीएमजीजीए रूपल तथा शिक्षित हरियाणा के को-ऑर्डिनेटर अतुल सहगल मौजूद रहे।
मीटिंग में निर्णय लिया गया कि पहली मार्च से प्री बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होगी और 10 मार्च तक परिणाम घोषित होंगे। सभी प्रिंसिपल को 28 फरवरी तक दसवीं और बारहवीं के पाठ्यक्रम को रिवाइज कराने का आदेश दिया गया है वही प्री- बोर्ड परीक्षाओं के बाद परिणाम को चार समूहों में बांटा जाएगा।
पहले समूह में 76 से 100 प्रतिशत तक के अंक, दूसरे में 61 से 75 प्रतिशत, तीसरे में 41 से 60 प्रतिशत तथा चौथे में 40 प्रतिशत से कम के समूह बनाए गए है। 40 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों के ऊपर ज्यादा ध्यान देने के दिशा निर्देश दिए गए है। सभी स्कूलों के प्रिंसिपल और हिंदी और इंग्लिश के अध्यापकों को लिखित कार्यों के लिए 15 मिनट का समय दिए जाने का भी आदेश दिए गए है।
प्री-बोर्ड के प्रश्न पत्र को डीआईईटी के नियमानुसार बनाने के आदेश दिए गए है वही सभी प्रिंसिपल को परीक्षा से संबंधित सभी प्रकार की व्यस्था करने के आदेश दिए गए है। बोर्ड एग्जाम के तहत किसी भी अध्यापक को अवकाश न करने के भी आदेश दिए गए है। सभी खंड शिक्षा अधिकारी को पिछ्ले तीन वर्ष के परीक्षा परिणामों का अवलोकन करने के भी आदेश दिए गए है।