प्रवासी मजदूरों की शिकायतो का समाधान करने में फरीदाबाद देश के 20 शहरों में से रहा नंबर वन।

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लॉक डाउन की शुरुआत से ही रोजगार खो चुके गरीब दिहाड़ी मजदूरों ने पलायन करना शुरू किया था जिस कारण लॉक डाउन के शुरुआत में ही लाखों दिहाड़ी मजदूर अपने पैतृक स्थानों की ओर पलायन कर गए थे और बाकी बचे लोग स्थिति सामान्य होने के इंतजार में थे जिन्होंने लॉक डाउन के एक के बाद एक चरण बढ़ने पर अपना धैर्य खो दिया और फिर से देश भर में पलायन की स्थिति देखने को मिली।

इसी स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा श्रम मंत्रालय के साथ मिलकर देश भर के 20 बड़े जिले में सर्वे किया गया जहां से बड़ी संख्या में मजदूरों ने पलायन किया था। इस सर्वे में देखा गया कि किन किन जिलों से बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूरों ने पलायन किया है और उनकी तरफ से कितनी अधिक शिकायते जिला प्रशासन को प्राप्त हुई है और किस जिले में प्रशासन द्वारा इन शिकायतों का कितनी अधिक कुशलता से समाधान किया गया है।

इस सूची में सूरत, फरीदाबाद, अहमदाबाद, मुंबई शहर, गुड़गांव, झारखंड में हजारीबाग, लुधियाना, बेंगलुरु, दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई और ठाणे एवं अन्य कई शहर शामिल थे।

इस सर्वे में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) द्वारा 30 मार्च से 14 मई के बीच श्रम मंत्रालय को दी गई शिकायतों के आधार पर एक ऑडिट तैयार किया गया जिससे पता चला है कि शिकायतों के समाधान में हरियाणा का फरीदाबाद जिला सबसे अधिक सफल रह है।

रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा का फरीदाबाद जिला 87.7% फीसदी शिकायतो का निपटारा कर सबसे अच्छा रिकॉर्ड प्रस्तुत किया है वहीं इस सूची में कोलकाता जिले ने शिकायतों को दूर करने में सबसे खराब रिकॉर्ड दिखाया है।

क्यूसीआई ऑडिट के अनुसार, लॉकडाउन की अवधि में 3,300 से अधिक सार्वजनिक शिकायतों को केंद्रीय श्रम मंत्रालय को हरी झंडी दिखाई गई है।

कैसे रहा फरीदाबाद का रिकॉर्ड इतना अच्छा :-

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का हब है लेकिन दिल्ली में रहना और कहना काफी महंगा होने के कारण प्रवासी मजदूर दिल्ली के आसपास के क्षेत्र नोएडा गुरुग्राम फरीदाबाद इत्यादि में अपना गुजर-बसर करते हैं।

आसपास के इन सभी क्षेत्रों में भी फरीदाबाद में रहना और अपना गुजर-बसर करना सबसे सस्ता है इस कारण दिल्ली फरीदाबाद बॉर्डर से सटे फरीदाबाद में सभी गांव प्रवासी मजदूरों से भरे हुए हैं इस कारण जैसे ही लॉक डाउन की घोषणा हुई तो फरीदाबाद जिला प्रशासन ने तेजी से इस मामले में संज्ञान लेते हुए इस मामले से जुड़ी सभी शिकायतों का निपटारा करना आरंभ किया जिस कारण फरीदाबाद का रिकॉर्ड इस सूची में अव्वल रहा है।