उपायुक्त यशपाल ने जिले में एक मजबूत अंगदान नेटवर्क बनाने के लिए आज जिला प्रशासन की ओर से ऑर्गन इंडिया – पराशर फाउंडेशन के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
उन्होंने बताया की यह साझेदारी फरीदाबाद ज़िला में छात्र समुदाय, आरडब्ल्यूए और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के बीच अंगदान और प्रत्यारोपण पर विभिन्न आईईसी गतिविधियों और जन जागरूकता अभियानों को सक्षम करेगी।
उन्होंने बताया की डिप्टी सीएमओ डॉ. राजेश श्योकंद को नोडल अधिकारी-अंगदान के रूप में नियुक्त किया गया है। जिले के शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग दोनों अंगदान के चैंपियन की पहचान करने और आम जनता को जागरूक करने के लिए ऑर्गन इंडिया के साथ काम करेंगे।
इसी के साथ समय-समय जन जागरूकता के लिए ऑनलाइन व ऑफ़लाइन कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर उपायुक्त यशपाल ने नागरिकों से अंगदान करने के लिए सक्रिय रूप से आगे आने की अपील की और जिला प्रशासन से उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर सीईओ ऑर्गन इंडिया सुनयना सिंह , डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. राजेश शोकंद व सीएमजीजीए फरीदाबाद रूपाला सक्सेना उपस्थित थे।
कितने तरह के अंगदान होते हैं
अनुदान दो तरह के होते हैं एक जीवित और दूसरा मृतक जीवित अंगदान में कोई भी व्यक्ति किडनी और पैंक्रियास का कुछ हिस्सा दान कर सकता है। वहीं मृतक अंगदान में मृतक व्यक्ति के कई अंग दान कर सकते हैं ।
यह प्रक्रिया ज्यादातर ब्रेन डेड लोगों में अपनाई जाती है। ब्रेन डेड व्यक्ति 8 अंगों को दान कर सकता है। जिसमें किडनी लीवर फेफड़ा हृदय पैंक्रियास और आंत दान में दिया जा सकता है । साल 2014 में हाथ और चेहरे को भी शामिल किया गया है।
अंगदान करने से पहले उसकी परमिशन देनी होती है जिसके लिए सबसे पहले आपको ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है जोकि www.organindia.org पर अप्लाई किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के बाद एक डोनर कार्ड मिलता है जिस पर यूनिक गवर्नमेंट रजिस्ट्रेशन नंबर होता है।