कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सामुदायिक भागीदारिता के साथ काम करना बहुत जरूरी है, ताकि सभी संबंधित कार्य तत्परता से पूरे किए जा सकें।
उपायुक्त ने शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक में बताया कि जिला में जिलास्तर पर एक कमेटी, जोनल स्तर पर 8 कमेटी, माॅनीटरिंग कमेटियों की संख्या 53, सेक्टर कमेटियों की संख्या 266 तथा लोकल कमेटियों की संख्या 1327 के साथ एक प्रशासनिक संरचना बनाई गई है। एक लोकल कमेटी में करीब 10 लोग सदस्य होंगे तो करीब 13 हजार से अधिक संख्या में एक मजबूत प्रशासनिक कड़ी बन गई है। इसी प्रकार पूरे जिले में भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से एक 250 संरचनाओं की छोटी इकाई से हिसाब से बांटा जाए। उस क्षेत्र में तीन सरकारी अधिकारियों व सिविल सोसायटी के सदस्यों को भी इसमें शामिल किया जाए। इस प्रकार बनाई गई कड़ी में एक सदस्य के पास उसके साथ लगते 10 से 20 घर ही आएंगे तथा प्रत्येक 5 लोकल कमेटी के ऊपर एक प्रभारी होगा, जिसे सेक्टर समिति के रूप में जाना जाएगा। इसी प्रकार प्रत्येक 5 सेक्टर कमेटी के ऊपर एक जोनल कमेटी काम करेगी तथा पांच जोनल कमेटी के ऊपर एक वरिष्ठ अधिकारी होगा, जो उसके अधीन पूरे पदानुक्रम को नियंत्रित करेगा।
उपायुक्त ने बताया कि लोकल कमेटियों को जो कार्य सौंपा जाएगा, उनमें आईएलआई लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान व 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों का सर्वेक्षण तथा सामुदायिक संगरोध की सुविधाएं उपलब्ध करवाने में मदद करना शामिल होगा। इसी प्रकार उनके क्षेत्र में प्रवेश व निकास के संबंध में पूर्ण नियंत्रण करना, उनके क्षेत्र में सड़क, बड़ी सोसायटी व संस्थानों में नियंत्रण तथा सामाजिक सर्वेक्षण का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि क्षेत्र कमेटियां बाहरी जिलों या राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के आने-जाने का रिकार्ड रजिस्टर में मैनटेन करेंगी तथा अपने एरिया से संबंधित एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाएंगी। इसी प्रकार कंटेनमेंट जोन में डोर-स्टैप पर आवश्यक चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी तथा अपने क्षेत्र में विक्रेताओं के नियंत्रित करने व उनकी नियमित स्वास्थ्य की जांच करवाएंगी। पृथक व संगरोध व्यक्तियों की निगरानी करेंगी तथा बाजारों व दुकानों को तय दिनों के हिसाब नियंत्रित करंेगी। अपने एरिया में बाजार व उद्योगों में सामाजिक दूरी की अनुपालना तथा भोजन व राशन वितरण सहित अन्य सरकारी सहायता पहुंचाने में मदद करेंगी। प्रवासी लोगों की बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन तक आवाजाही में सहायता करना, आरोग्य सेतु ऐप का अधिकतम डाउनलोड सुनिश्चित करवाना, कोरोना के पाॅजीटिव मामलों का पता लगाने व नियंत्रण में मदद करना, सामाजिक दूरी, हाथों की सफाई व मास्क का उपयोग करने के लिए लोगों को शिक्षित व प्रेरित करने संबंधी कार्य करंेगी। इसी प्रकार गैर-पात्र व्यक्तियों द्वारा जो सरकारी सहायता प्राप्त की है, उसका सत्यापन व वसूली संबंधी कार्य करेंगी। उन्होंने बताया कि सभी आठ जोनल कमेटियां अपने कार्यालयों में एक छोटे कंट्रोल कक्ष की स्थापना करेंगे, जिसमें नायब तहसीलदार को प्रभारी बनाया जाए तथा उसमें ऑपरेटर नियुक्त करेंगे। सभी टीमों को सेनेटाइजर व मास्क दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी एक चैन के रूप में अपने अधीनस्थ टीमों को उचित प्रशिक्षण दें। इसी प्रकार कानून एवं शांति व्यवस्था के मामले में पुलिस व नगर निगम के अधिकारियों से मदद के लिए कार्य करेंगे। सभी समितियों को गूगल स्प्रेडशीट व हैल्प मी एप के माध्यम से जानकारी प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए। सभी कमेटियों को पूर्ण जानकारी के लिए पंपलेट प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सभी कमेटियां अपने एरिया में आईईसी की गतिविधियां भी चलाएंगी तथा लाॅकडाउन के नियमों व कोरोना से बचने के संबंध में जरूरी जानकारी से भी अवगत कराएंगी।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त आरके सिंह, एमसीएफ के संयुक्त आयुक्त सतबीर मान, एसडीएम अमित कुमार, त्रिलोकचंद व पंकज सेतिया तथा नगराधीश बलिना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।