लॉक डाउन के बीच जहां डॉक्टरों को भगवान से भी बढ़कर दर्जा दिया जा रहा है जनता द्वारा उन पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत कर रहे हैं वही फरीदाबाद के क्यूआरजी अस्पताल से डॉक्टर की छवि को दागदार करने वाला एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक डॉक्टर द्वारा अस्पताल की ही महिला स्टाफ सदस्य के साथ यौन उत्पीड़न करने की बात कही जा रही है।
इस मामले की निंदा करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा कहा गया कि उन्हें ट्विटर पर एक शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें 19 अप्रैल को फरीदाबाद सेक्टर 20 के क्यूआरजी अस्पताल के एक डॉक्टर द्वारा साथ की महिला स्टाफ सदस्य द्वारा यौन प्रताड़ना की बात कही जा रही है।
एनसीडब्ल्यू का कहना है कि उन्हें प्राप्त हुई शिकायत में ख गया है कि अस्पताल का एक डॉक्टर द्वारा 19 अप्रैल को एक स्टाफ महिला सदस्य के साथ यौन उत्पीडन किया गया है। साथ ही शिकायत में बताया गया कि डॉक्टर अस्पताल की अन्य महिला स्टाफ सदस्यों के साथ भी यौन उत्पीडन करता है।
आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कई बार अस्पताल प्रशासन को शिकायत दी गई है लेकिन इस मामले में अस्पताल प्रशासन द्वारा आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और प्रत्येक बार शिकायत करने पर शिकायतकर्ता को उसके वर्तमान प्रोफ़ाइल से हटा दिया गया और पदावनत कर दिया गया।
आयोग ने कहा कि यह मामला कार्यस्थल (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 में महिलाओं के यौन उत्पीड़न कानून अनुसार दंडनीय है जिसपर जल्द से जल्द कार्यवाही की जनाई चाहिए।
साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने क्यूआरजी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की निदेशक संगीता राय गुप्ता से सवाल पूछते हुए लिखा है कि क्या आंतरिक समिति इस शिकायत की जांच कर रही है।
साथ ही यह भी पूछा है कि यदि आंतरिक समिति कार्यवाही कर रही है तो डॉक्टर के दोषी पाए जाने पर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ का निर्णय लिया जाएगा साथ ही आयोग ने अस्पताल से उनके द्वारा कि गई कार्यवाही की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
इस प्रकार के मामले ना केवल किसी व्यक्ति के पेशे को दागदार करते हैं साथ ही मानवता को भी शर्मसार कर देते हैं। क्योंकि डॉक्टर का पेशा एक ऐसा पेशा है जिस पर कोई भी व्यक्ति आंख मूंदकर भरोसा कर सकता है वहीं इस महामारी के दौर में डॉक्टर से भरोसेमंद व्यक्ति जनता के लिए कोई नहीं है। इस प्रकार की घटना सामने आना लोगों के मन में डॉक्टरों के छवि के खिलाफ शंका पैदा कर सकती है।