राम मंदिर निर्माण के लिए देश भर में निधि समर्पण अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत जगह – जगह जाकर मंदिर निर्माण के लिए लोगों से चंदा इक्कठा किया जा रहा है। हर इंसान की आशा है कि वह मंदिर निर्माण में किसी न किसी प्रकार से मदद करें लेकिन कुछ लोगों के अंदर ही भक्ति और आखिरी इच्छा भी राम भक्ति है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। राजस्थान के जोधपुर से। यहां पर एक महिला ने अपनी अंतिम इच्छा जताई कि उसकी मौत के बाद गहनों को राम मंदिर निर्माण के लिए दान दिया जाए। अब परिजनों ने महिला की मौत के बाद अंतिम इच्छा पूरी कर दी।
जानकारी के अनुसार समर्पण निधि अभियान के तहत राम मंदिर के लिये राशि जुटाने वाली जोधपुर की टीम के आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख हेमंत गोष्ट के पास हाल ही में एक फोन कॉल आया।
फोन करने वाले बताया कि विजय सिंह गौड़ बोल रहा है, उसकी पत्नी आशा कंवर का निधन हो गया है, आशा कंवर की अंतिम इच्छा थी उसके सभी गहने श्री राम मंदिर निर्माण के लिये भेंट किये जायें, लिहाजा आशा कंवर की अंतिम इच्छानुसार हम उसके सभी गहने राम मंदिर निर्माण के लिये भेंट करना चाहते हैं, इस पर हेमंत गोष्ट ने कहा कि आप पहले आशा कंवर का अंतिम संस्कार कर लीजिये, उसके बाद उनकी अंतिम इच्छा पूरी कीजिये।
जोधपुर के सूरसागर भुरटिया निवासी आशा कंवर का हाल ही में 54 साल की उम्र में बीमारी के कारण निधन हो गया था। अपनी बीमारी दौरान आशा कंवर ने गत 1 फरवरी को पति विजय सिंह और बेटे के सामने अपनी अंतिम इच्छा जाहिर की थी। मध्यवर्गीय परिवार होने के बावजूद पति और उनके बेटे ने आशा कंवर की भावना को स्वीकार कर लिया।
उसके बाद श्री राम समर्पण निधि अभियान में जुटे सदस्य आशा कंवर के घर पहुंचे। वहां परिजनों ने आशा कंवर की अंतिम इच्छा के बारे में उनको विस्तार से जानकारी दी। परिजनों ने बताया कि आशा कंवर की इच्छानुसार उनके गहनों को बेचने के बाद 7 लाख 8 हजार रुपये आये हैं। परिजनों ने वो राशि समर्पण निधि के सदस्यों को सौंप दी।