फरीदाबाद को सांस देने वाली अरावली की पहाड़ियों में कितने तेंदुएं हैं इसका सर्वे जल्द शुरू किया जाएगा। इस साल बंदरों की संख्या का भी पता किया जाएगा। हरियाणा सरकार ने जंगली जानवरों की गणना करने को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। एक हफ्ते के अंदर ही कर्मचारियों को सर्वे की ट्रेनिंग देने का काम शुरू हो जाएगा।
अरावली के अंदर वन्यजीवों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस बार तेंदू के अलावा बंदरों की भी अलग से गणना की जाएगी। सरकार ने हरियाणा के कालेसर व अरावली के जंगल में वन्यजीवों का सही आंकड़ा तैयार करने के लिए वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को काम सौंपा है।
जिले में कई जगह से भी तेंदुए की मौजूदगी की घटना के सिलसिले सामने आते रहे हैं। इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट बिलाल हबीब ने बताया कि एक मोबाइल ऐप की सहायता से बंदरों की संख्या का पता लगाया जाएगा। सबसे पहले मोबाइल ऐप से कर्मचारी सर्वे करेंगे। इसके बाद आम लोग और एनजीओ की मदद से शहर में बंदरों के आंकड़ों का पता लगाया जाएगा।
अरावली पर्वत श्रंखला का दायरा फरीदाबाद व गुड़गांव में काफी बड़ा है। अब लोग ऐप पर अपने इलाकों में घूमने वाले बंदरों की फोटो खींचकर भी अपलोड कर सकते हैं। तेंदुए की संख्या का भी आकलन किया जाएगा। अरावली की पहाड़ियों में साल 2000 में केवल दो तेंदुए थे। लेकिन अब इनकी संख्या काफी बढ़ गई है।
पर्यावरण में हुए बदलावों से कई जीव-जंतु दुनिया से हमेशा के लिए खत्म हो गए हैं। अनुकूल वातावरण नहीं मिल पाने के कारण पशु और पक्षी दोनों की ही बहुत सी प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है।