जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में आज ‘आत्मनिर्भर हरियाणाः शिक्षकों की भूमिका’ विषय पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय, संबद्ध कालेजों तथा बहुतकनीकी शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
इस कार्यक्रम में विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू मुख्य अतिथि तथा स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सहसंगठक सतीश कुमार मुख्य वक्ता रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच में उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख सतेन्द्र सौरोत, विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट, एलुमनाई एवं कारपोरेट मामलों के डीन प्रो. विक्रम सिंह तथा डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. लखविन्दर सिंह भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए सतीश कुमार ने कहा कि यह संगोष्ठी प्रदेश में हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद एवं स्वदेशी स्वावलम्बन न्यास द्वारा चलाए जा रहे ‘आत्मनिर्भर हरियाणा’ कार्यक्रम का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुलपतियों के एक कार्य समूह द्वारा सुयोजित रूप से चलाये जा रहे आत्मनिर्भर हरियाणा कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को अर्थ-सर्जन और रोजगार-सर्जन की गतिविधियों से जोड़ना तथा तैयार करना है।
आत्मनिर्भर हरियाणा कार्यक्रम में शिक्षकों की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में विश्वविद्यालयों से प्रतिवर्ष अनुमानित चालीस हजार विद्यार्थी रोजगार का सपना लेकर निकलते है। इन सभी विद्यार्थियों के मन में नई उमंग और कुछ करने की भावना होती है, जिन्हें केवल सही दिशा और मार्गदर्शन दिखाने की जरूरत है। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को उद्यमशील बनने के लिए प्रेरित करें और इसके लिए सही प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देने का काम करें। जिस दिन प्रदेश का युवा पढ़ाई के साथ-साथ कमाई करना सीख लेगा, तो हरियाणा आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हो जायेगा।
उन्होंने ओयो रूम्स, फ्लिपकार्ट और पतंजलि समूह जैसी प्रमुख राष्ट्रीय कंपनियों का उदाहरण दिया और बताया कि कैसे महत्वाकांक्षा रखने वाले आम लोगों ने कम उम्र में सफलता को हासिल किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी विचारधारा को अपनाना ही हमारे लिए एक अच्छा विकल्प है। उन्होंने युवाओं को ‘जॉब सीकर’ के बजाय ‘जॉब क्रिएटर‘ बनने की अपील की और यह विश्वास जताया कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय भविष्य के उद्यमी बनने के लिए अपने छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री विश्वविकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने कहा कि पुरातन काल से ही विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की महत्वपूर्ण भागीदारी रही। भारत अर्थव्यवस्था एवं शिक्षा का बड़ा केन्द्र था। मध्यकालीन से ही कृषि क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा और आज भी है लेकिन कृषि क्षेत्र में उस तरह रोजगार सृजन नहीं हुआ, जैसी अपेक्षाएं सेवा क्षेत्र से की जाती है। कृषि क्षेत्र में लाये जा रहे तीन कानूनों को महत्वपूर्ण बताते हुए राज नेहरू ने कहा कि इन कानूनों से बिचैलियों की भूमिका कम होगी और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। किसानों की आय बढ़ेगी और इसमें स्थिरता आयेगी। उन्होंने कृषि क्षेत्र के बदलावों के लिए युवाओं की भूमिका पर बल दिया।
इससे पहले, अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि फरीदाबाद के औद्योगिक विकास में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस संस्थान के विद्यार्थियों ने नौकरी करने की बजाये खुद के उद्यम को प्राथमिकता दी और हजारों के लिए रोजगार पैदा किये। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय भी विद्यार्थियों को उद्यम के लिए प्रोत्साहिन देेने के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान कर रहा है और विश्विद्यालय के बिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर में इस समय 3-4 स्टार्ट-अप आइडिया पर काम चल रहा है जोकि जल्द ही व्यवहारिक रूप लेंगे।
इस प्रकार, विश्वविद्यालय ‘आत्मनिर्भर हरियाणा’ कार्यक्रम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सतेन्द्र सौरोत ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर हरियाणा’ कार्यक्रम में फरीदाबाद जिले की योजनाओं को लागू करने में नोडल विश्वविद्यालय के रूप में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए रोजगार सृजन में शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम के अंतर्गत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. सुनील कुमार गर्ग ने धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। संवाद कार्यक्रम के दौरान विभिन्न कॉलेजों से आए शिक्षकों एवं प्रतिनिधियों ने मुख्य अतिथियों से सवाल किए और सुझाव दिए।