फरीदाबाद में प्यास बुझाने के लिए पानी की बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ता है। यही कारण है कि फरीदाबाद जिले को ब्लैक जोन में शामिल किया गया है।
यहां गर्मी शुरू होते होते पानी की किल्लत भी इस कदर हावी हो जाती है कि आए दिन नगर निगम पर आमजन द्वारा मटके फोड़ विरोध प्रदर्शन किया जाता है।
मगर इस साल फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से तैयार किया गया डीपीआर फरीदाबाद की प्यास बुझाने में कामयाब साबित हो सकेगा।
फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से एक ऐसा डीपीआर बनाया गया है। जिसे बोर्ड की मीटिंग में अप्रूवल मिलते ही अरावली के अंतर्गत आने वाले 3 गांव के सूक्ष्म के 4 तालाबों को जिंदा कर उसमें पानी भरा जाएगा
, तो पानी के भूजल स्तर को ऊपर लाया जा सकेगा। जिसके बाद फरीदाबाद वासियों की प्यास को बुझा पाने में सफलता मिल सकती हैं।
लगभग ढाई करोड रुपए की लागत से इन 4 तालाबों में पानी भरा जाएगा। इस बात से तो फरीदाबादवासी भली भांति परिचित है कि उनके जिले में पानी की स्थिति दयनीय है।
इतना ही नहीं नगर निगम हर साल जिन जगहों पर पानी व ट्यूबल लगाता है वो कुछ ही महीनों बाद फिर सूख जाते हैं, इसका कारण यह है कि जमीन का भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है।
नगर निगम के मुताबिक साल 2010 में जहां भू जलस्तर 100 फुट था। वह फिलहाल 200 पहुंच गया है। किसी किसी इलाकों में तो पानी का बोर करते समय पानी ढाई सौ फीट नीचे जाकर मिलता है।
ऐसे में यहां पर पानी की स्थिति ठीक करने के लिए सबसे पहले जल स्तर को सुधारने की आवश्यकता है।
इसी कड़ी में फरीदाबादस्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा अरावली पर्वत से सटे तीनों गांवों को चिन्हित किया गया है।
जहां सूख चुके तालाब में पानी भरकर भूजल स्तर को सुधारा जा सकता है। इन तीन गावों में अनखीर गावं में 2 तालाब, बढ़खल गांव में एक और भाकरी गांव में एक तालाब को जिंदा करने के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने डीपीआर तैयार कर दिया लिया है।
जिसके लिए सेक्टर 21 में 10 एमएलडी का जो सीवरेज ट्रीटमेंट तैयार किया जा रहा है। उसी से ही चारों में पानी भरा जाएगा। इसके अलावा कुछ प्राकृतिक स्रोत भी खोजे जाएंगे, ताकि तालाब में अपने आप भी पानी आ सके।
इन चारों तालाबों को जिंदा रखने के लिए कुल 2 करोड़ 90 लाख रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस गर्मी फरीदाबाद वासियों की पानी की आपूर्ति को पूरा किया जा सकेगा।