जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने बैठक का किया आयोजन, मॉडल संस्कृति स्कूलों पर हुई चर्चा

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बुधवार को सेक्टर-28 स्थित मॉडल स्कूल में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया जिसमें मॉडल संस्कृति स्कूल को लेकर चर्चा की गई। अप्रैल से जिले में 90 मॉडल संस्कृति स्कूल शुरू हो जाएंगे। ऐसे में इन विद्यालयों को अपडेट करने का काम जारी है। वहीं, इनमें अंग्रेजी में माहिर अध्यापकों की भर्ती की तैयारी जारी है। इसके लिए निदेशालय स्तर पर पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) से आवेदन मांगे गए हैं। मॉडल संस्कृति में पढ़ाने के लिए राजकीय विद्यालयों के अध्यापक भी 25 फरवरी तक आवेदन कर सकते हैं।

दरअसल, बुधवार को सेक्टर-28 स्थित मॉडल स्कूल में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बताया कि पांच वरिष्ठ माध्यमिक और 85 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों शामिल हैं। यह सभी विद्यालय सीबीएसई से मान्यता प्राप्त होंगे। मान्यता की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने बैठक का किया आयोजन, मॉडल संस्कृति स्कूलों पर हुई चर्चा

इस पैटर्न पर पढ़ाई के लिए राजकीय विद्यालयों में भी छात्रों को फीस देनी होगी। इन स्कूलों में अपलाई करने के लिए अध्यापकों को अंग्रेजी लिखनी और बोलने की निपुणता अनिवार्य है। हालांकि इन स्कूलों में पूरी तरह से हिंदी भाषा की प्रधानता को दरकिनार नहीं किया जाएगा। इसमें जिला विज्ञान विशेषज्ञ अजय शर्मा, मनोज कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी व बैठक समन्वयक दीपेंद्र चौहान मौजूद रहे।

आपको बता दे कि मॉडल संस्कृति स्कूलों में छात्रों को मामूली फीस भी देनी पड़ेगी। मॉडल संस्कृति स्कूलों के प्रवेश द्वार तथा कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड पर शिक्षा निदेशालय काफी खर्च कर रहा है। जिससे छात्रों को कोई समस्या न हो और उन्हें सीबीएसई जैसा वातावरण मिल सके। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने राजकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए मॉडल संस्कृति स्कूलों की योजना बनाई है।

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने बैठक का किया आयोजन, मॉडल संस्कृति स्कूलों पर हुई चर्चा

मॉडल संस्कृति स्कूलों में आवेदन करने वाले अध्यापकों की अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ होनी आवश्यक है। सीबीएसई से मान्यता प्राप्त होने के कारण अध्यापकों को अंग्रेजी बोलना और लिखना आना बहुत जरुरी है। हालांकि इन स्कूलों में हिंदी की पूरी तरह से प्रधानता रहेगी लेकिन अध्यापकों की अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ होना आवश्यक है। अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ होने वाले अध्यापकों को शिक्षा निदेशालय प्राथमिकता देगा।