मिलनी की रस्म में चाचा के साथ हुआ कुछ ऐसा की दूल्हा वापस ले गया बारात

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कहते हैं शादी दो व्यक्तियों के बीच में नहीं बल्कि दो परिवारों के बीच में होती है। जहां एक तरफ शादी विवाह के माहौल में सबके चेहरों पर खुशी दिखाई देती है, तो वहीं दूसरी तरफ रीति-रिवाजों की झंझट भी किसी परेशानी से कम नहीं होती।

हर मजहब में अलग-अलग रीति-रिवाजों से शादी विवाह संपन्न करवाए जाते हैं। फिर भी कहीं ना कहीं दूल्हे के परिजन मुंह फुलाए दिखाई देते हैं।

मिलनी की रस्म में चाचा के साथ हुआ कुछ ऐसा की दूल्हा वापस ले गया बारात

मगर हद तो तब हो गई जब हरियाणा के अंबाला जिले में एक दूल्हा अपनी बारात सिर्फ इसलिए वापस ले गया क्योंकि मिलनी की रस्म में उसके चाचा को छोटा कंबल दिया गया था। है ना हैरान कर देने वाली बात।

लेकिन यह कोई मनगढ़न कहानी नहीं है समाज की वास्तविकता है। दरअसल देखते ही देखते हैं यह छोटी सी बात विवाद में बदल गई और दूल्हे के परिजन बारात वापस लौटा ले गए।

मिलनी की रस्म में चाचा के साथ हुआ कुछ ऐसा की दूल्हा वापस ले गया बारात

परंतु नाते रिश्तेदारों ने बहुत प्रयास किया कि किसी तरह विवाद सुलझ जाए परंतु दूल्हे ने शादी करने से साफ इंकार करते हुए वापस बारात लौटा दी।

जानकारी के मुताबिक, शिमला में एक डेंटल सर्जन की शादी अंबाला कैंट निवासी युवती से तय हुई थी। शगुन पैलेस में शादी होनी थी। रात करीब 9 बजे बारात आई। लड़की वालों ने स्वागत किया। बाराती पैलेस में खाने का आनंद ले रहे थे,

मिलनी की रस्म में चाचा के साथ हुआ कुछ ऐसा की दूल्हा वापस ले गया बारात

वहीं वर-वधू पक्ष में मिलनी की रस्म हो रही थी। रस्म के दौरान दूल्हे के चाचा की मिलनी हुई तो उन्होंने कंबल को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने कंबल छोटा होने की बात कही। दूल्हे के परिजन ने कहा कि मिलनी को लेकर हमने पहले ही लड़की वालों को कुछ हिदायतें दे दी थीं। बस इसी बात पर दोनों पक्षों में तकरार हुई और बात बिगड़ गई।

बारात लौटने की शिकायत लड़की की परिजन ने पुलिस से की। कैंट थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया दोनों पक्षों में आपसी बातचीत के आधार पर समझौता हो चुका है, लेकिन शादी करने पर दोनों पक्ष राजी नहीं हुए हैं।

इसलिए दूल्हा बिना दुल्हन के लौट गया है। लड़के वाले शादी की तैयारियों पर हुए खर्च की एवज में 4.50 लाख रुपए चुकाने पर राजी हुए हैं। रात को ही बारात को लौटा दिया गया, लेकिन दूल्हा व उसके परिजन अंबाला में ही रुके रहे।

नोट: यह सभी तस्वीरे प्रतीकात्मक है यह बस आर्टिकल की जरूरत को देखते हुए इस्तेमाल की गई है