मशहूर कुश्ती खिलाड़ी व मॉडल ओम कालीरमण ने कहा कि कोरोना के कारण कुश्ती खिलाड़ियों की ट्रेनिंग काफी प्रभावित हुई है, मगर अब धीरे-धीरे सब कुछ वापस पटरी पर लौटने लगा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ी कुश्ती में मेडल जरूर लेकर आएंगे। ओम कालीरमण शुक्रवार को अपनी बहन मोनिका कालीरमण के साथ सी. दास ग्रुप के रेडियो महारानी में आए थे। इस दौरान सी. दास ग्रुप के चेयरमैन बीआर भाटिया व निदेशक विपिन भाटिया ने उनका स्वागत किया।
ओम कालीरमण ने बताया कि किसी भी खिलाड़ी की यदि एक दिन के लिए भी प्रैक्टिस रुकती है तो मानों की वो एक सप्ताह पीछे छूट जाता है। यहां तो करीब छह महीने तक प्रैक्टिस प्रभावित रही है। ओम ने बताया कि कोरोना के बाद खिलाड़ियों प्रैक्टिस और डाइट में भी काफी बदलाव आया है। ओम कालीरमण मशहूर पहलवान पदमश्री चंदगी राम के पुत्र हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर में शुरू से पहलवानी का वातावरण रहा है। ऐसे में उनका पहलवान बनना भी लाजिमी था, मगर कुछ साल पहले घुटने में चोट लगने के कारण उन्होंने खेलना छोड़ दिया।
इसके बाद उन्होंने ग्लैमर की दुनिया में कदम रखने की ठानी। वर्ष 2013 में मिस्टर इंडिया वर्ल्ड वाइड में रनरअप रहने के बाद उन्होंने मॉडलिंग शुरू कर दी। मॉडलिंग के साथ ही ओम ने अपनी पिता की विरासत कुश्ती को भी संभाले रखा है। उनके घर में अखाड़ा है, जहां 9 साल की बच्ची से लेकर कई बड़े खिलाड़ी प्रशिक्षण लेने आते हैं। उन्होंने बताया कि अब तो हरियाणा और पंजाब के छोटे-छोटे गांवों में भी खिलाड़ी मैट पर प्रशिक्षण ले रहे हैं, मगर पहले ऐसा नहीं होता था। पहले अखाड़े में मिट्टी में प्रैक्टिस करते थे। ऐसे में जब उन खिलाड़ियों को मैट पर खेलने का मौका मिलता था तो काफी परेशानी होती थी।
इस मौके पर भाटिया सेवक समाज के प्रधान मोहन सिंह भाटिया, रेडियो महारानी की वरिष्ठ प्रबंधक सपना सूरी, वरिष्ठ सलाहाकार आलोक अरोड़ा, प्रबंधक अमित भाटिया सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।