इकोग्रीन के खराब वाहनों के सहारे कैसे जीती जाएगी स्वच्छता सर्वेक्षण की जंग?

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नगर निगम फरीदाबाद इन दिनों स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत जिलेभर में लोगों को सफाई के प्रति जागरूक कर रहा है परंतु इकोग्रीन की गाड़ियां व नगर निगम की कार्यशैली से पार्षद से लेकर आमजन तक कोई भी संतुष्ट नहीं है। निगमायुक्त यशपाल यादव के आदेशों के बावजूद भी नगर निगम अपने जर्जर हो चुके वाहनों को बदल नहीं रहा है।

दरअसल आगामी मार्च में स्वस्थ सर्वेक्षण होने वाला है जिसको लेकर नगर निगम ने अपनी तैयारियां करनी शुरू कर दी है। नगर निगम लोगों को गीले और सूखे कचरे के बारे में जागरूक कर रहा है वही खुले में कचरा ना डाला जाए इसको लेकर भी जुर्माना कर रहा है परंतु जिलेभर से कचरा उठाने वाली गाड़ी इको ग्रीन इन दिनों अपनी गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते सुर्खियों में बनी हुई है। हाल ही में नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने इकोग्रीन कंपनी पर जुर्माना किया था तथा फटकार लगाई थी उसके बावजूद भी इको ग्रीन अपनी जर्जर हो चुकी गाड़ियों को सही नहीं करा रहा।

इकोग्रीन के खराब वाहनों के सहारे कैसे जीती जाएगी स्वच्छता सर्वेक्षण की जंग?

आपको बता दें कि पिछले वर्ष स्वच्छ भारत मिशन की टीम ने जब फील्ड में जाकर स्थिति का जायजा लिया तो पाया कि इको ग्रीन की बहुत सारी गाड़ियां जर्जर अवस्था में है जिससे वाहनों का कचरा बाहर बिखरता हुआ पाया गया। इसके चलते नगर निगम इकोग्रीन पर दो बार चालान कर करीब सात लाख वसूल भी किए उसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं देखा गया।

बता दें कि इको ग्रीन ने वर्ष 2017 से लोगों के घरों से कूड़ा उठाना शुरू किया है। वर्तमान में जिले के 40 वार्डों में इकोग्रीन के 280 गाड़ियां चल रही हैं जिसमें से 2 महीने से 70 वाहन खराब है।

इकोग्रीन के खराब वाहनों के सहारे कैसे जीती जाएगी स्वच्छता सर्वेक्षण की जंग?

ऐसे में सोचना होगा कि इकोग्रीन की टूटी हुई गाड़ियों के सहारे कैसे पूरे शहर को साफ किया जाएगा और कैसे अच्छी रैंकिंग ली जाएगी।।