आए दिन युवा गेस्ट हाउस में क्यू कर रहे है आत्महत्या ? प्रशासन बरत रहा लापरवाही

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आए दिन युवा अपनी जीवन लीला ख़त्म करने पर तुले हुए है। आज कल हम अखबारो और अन्य सोशल नेटवर्किंग के ज़रिये देखते और पढ़ते है कि जिले में युवा छोटी-छोटी बातों पर आत्महत्या कर रहे है। प्रशासन इसकी जड़ तक जाए बिना मामले को आपराधिक दृष्टि से देखता है और यह जानने का प्रयत्न नहीं करता कि यह सब किन जगहों पर ज़्यादा हो रहा है।

जिले के Oyo रूम में ही आज कल युवा अपनी ज़िंदगी ख़त्म कर रहे है। यहाँ युवा अपने पार्ट्नर के साथ समय बिताते है। जहाँ पार्ट्नर अच्छा समय बिताते है वही ये गेस्ट हाउस सुसाइड प्वाइंट बनते जा रहे है। ये गेस्ट हाउस नियमों को ताक पर रख कर चलाए जा रहे है। जिले में बहुत से ऐसे Oyo होटल है जिसमें देह व्यापार धड़ल्ले से चलाया जा रहा है। इन गेस्ट हाउस में 18 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति ही आ सकते है। शहर भर में काफ़ी ऐसे होटल है जो रिहायशी क्षेत्र में चल रहे है और प्रशासन इसकी ओर ध्यान भी नहीं देता। जिले में ऐसे क़रीब 500 गेस्ट हाउस है।

आए दिन युवा गेस्ट हाउस में क्यू कर रहे है आत्महत्या ? प्रशासन बरत रहा लापरवाही

कब कितने हुए सुसाइड
5 फरबरी 2021 को ओल्ड फ़रीदाबाद हाइवे के किनारे मून वैली गेस्ट हाउस में विशाल नामक युवक की संदिगध हालत में मौत।
29 जनवरी 2021 को एनआईटी में बाटा चौक के पास गेस्ट हाउस में 18 वर्षीय हर्ष बजाज ने आत्महत्या की।
17 January 2021 को स्थित गेस्ट हाउस में आइपी कॉलोनी निवासी कारोबारी आरके सिंह ने आत्महत्या की।
27 जुलाई 2020 को सेक्टर-7, 10 चौक पर स्थित गेस्ट हाउस में गाँव राठीवास निवासी हरवंश नाम के युवक ने आत्महत्या की।
30 अगस्त 2019 को NIT पाँच स्थित गेस्ट हाउस में दंपत्ति ने आत्महत्या की।
20 फ़रवरी 2020 को नीलम बाटा रोड स्थित गेस्ट हाउस में सेक्टर- सात निवासी अतुल नाम के कारोबारी ने आत्महत्या की।
इतनी आत्महत्याएँ हो रही है परंतु प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है। देखते देखते गेस्ट हाउस सुसाइड प्वाइंट बनते नज़र आ रहे है। प्रशासन समय-समय पर ऐसे गेस्ट हाउस की चेकिंग भी नहीं करता जिससे ऐसे हादसे टाले जा सके।

आए दिन युवा गेस्ट हाउस में क्यू कर रहे है आत्महत्या ? प्रशासन बरत रहा लापरवाही

जो गेस्ट हाउस सारे नियमो और सेफ़्टी उपकरणो के बिना चल रहे है उन पर कार्यवाही क्यू नहीं होती ? क्या प्रशासन किसी और घटना का इतनज़ार कर रहा है ? ये माना जाए कि प्रशासन गहरी नींद सो रहा है। देखना यह होगा कि प्रशासन इसका संज्ञान कब लेता है और कब ऐसे अवैध ढंग से चल रहे गेस्ट हाउस के ख़िलाफ़ कार्यवाही करता है।