HomePoliticsखत्म होगी गांवों के सरकारी चौधरियों की ठाठबाट, अब यह होंगे पंचायतों...

खत्म होगी गांवों के सरकारी चौधरियों की ठाठबाट, अब यह होंगे पंचायतों के पद पर विराजमान

Published on

बुधवार से ग्राम पंचायतों पर संबंधित ब्लाक के बीडीपीओ के प्रशासक की नियुक्ति के बाद गांव की सरकार के चौधरियों के वर्तमान कार्यकाल की समाप्ति होगी।

इसका अर्थ यह होगा कि अब सरपंचों के हाथों में जो वित्तीय पावर होती थी वह पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। जिसके तहत वो किसी भी प्रकार के चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर पाएंगे।

खत्म होगी गांवों के सरकारी चौधरियों की ठाठबाट, अब यह होंगे पंचायतों के पद पर विराजमान

सरल और सामान्य शब्दों में कहा जाए तो जब तक अगले पंचायती राज के चुनाव नहीं होंगे तब तक वह केवल सरपंच केवल रिहायशी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जैसे सर्टिफिकेट पर साइन करने तक समिति रह जाएंगे।

मंगलवार तक सभी पंचायत प्रतिनिधियों को ग्राम पंचायत का पूरा रिकार्ड जिला विकास एवं पंचायत विभाग को सौंपना है।

खत्म होगी गांवों के सरकारी चौधरियों की ठाठबाट, अब यह होंगे पंचायतों के पद पर विराजमान

24 फरवरी, 2016 को वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों ने कार्यभार संभाला था। 24 फरवरी, 2021 को पांच साल पूरे हो रहे हैं। अब तक पांच बार पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव हो चुके हैं।

छठे पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को लेकर कोई फैसला नहीं आया है, इसलिये जब तक अगले पंचायती चुनाव नहीं होते, तब तक प्रशासक ही ग्राम पंचायतों का कामकाज देखेंगे।

खत्म होगी गांवों के सरकारी चौधरियों की ठाठबाट, अब यह होंगे पंचायतों के पद पर विराजमान

प्रदेश में इस बार 200 नई पंचायतें जुड़ी हैं, इसलिए नई पंचायतों की वार्डबंदी का काम अभी भी पेंडिंग है। वार्डबंदी पूरी होने में कम से कम 39 दिनों का समय लगता है। इसके अलावा इस बार महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण का भी नया प्रयोग किया गया है

जिस कारण देरी हो रही है। अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण होना बाकी है, जिसके बाद पंचायतों की नंबरिंग लगेगी। उसके बाद चुनाव संभव हैं

खत्म होगी गांवों के सरकारी चौधरियों की ठाठबाट, अब यह होंगे पंचायतों के पद पर विराजमान

इससे पहले 2015 में पंचायती चुनाव हुए थे, उस दौरान सात महीने तक ग्राम पंचायतों की कमान बीडीपीओ के हाथों में रही थी। दरअसल 25 जुलाई 2015 को पंचायतों का कार्यकाल पूरा हुआ था।

उस समय भाजपा सरकार ने सरपंच के चुनाव के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं कर दी थी, इस कारण सात महीने देरी से 24 फरवरी 2016 को सरपंचों ने शपथ ली थी। 2015 से पहले 2010 में हुए पंचायती चुनावों में भी पांच महीने तक पावर बीडीपीओ के हाथ में रही थी। उस दौरान भी आरक्षण को लेकर पेंच फंसा था।

खत्म होगी गांवों के सरकारी चौधरियों की ठाठबाट, अब यह होंगे पंचायतों के पद पर विराजमान

ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के तहत जो काम पहले से ही चल रहे हैं, वह यूं ही चलते रहेंगे लेकिन नया काम शुरू करने के लिए प्रशासक से अनुमति लेनी होगी।

नया काम शुरू करने लिए सरपंच, पंचायत समिति सदस्य या जिला परिषद प्रधान के पास कोई पावर नहीं होगी। बेहद ज्यादा जरूरी होने पर ही कार्य करवाए जाएंगे।

Latest articles

JCB ने Hero Motocorp के खिलाफ जीता फाइनल मैच

Faridabad: मानव रचना कॉरपोरेट क्रिकेट चैलेंज कप के 16वां संस्करण का समापन JCB की...

INLD की परिवर्तन पदयात्रा हरियाणा में लिखेगी नया अध्याय

Faridabad: युवा इनेलो नेता अर्जुन चौटाला ने इनेलो की परिवर्तन पदयात्रा हरियाणा की राजनीति...

Faridabad: इन्वेस्टमैंट बाजार ऑन एनर्जी एफीशिएंसी का किया सफल आयोजन

Faridabad: एंड रिन्युएबल एनर्जी डिपार्टमैंट और हरेडा द्वारा यहां ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफीशिएंसी भारत...

सरकारी एजेंसी फरीदाबाद किसानों की फसल में निकाल रही भर भर के कमी

Faridabad: बल्लभगढ़ अनाज मंडी में सरसों की सरकारी खरीद न होने से किसानों की...

More like this

JCB ने Hero Motocorp के खिलाफ जीता फाइनल मैच

Faridabad: मानव रचना कॉरपोरेट क्रिकेट चैलेंज कप के 16वां संस्करण का समापन JCB की...

INLD की परिवर्तन पदयात्रा हरियाणा में लिखेगी नया अध्याय

Faridabad: युवा इनेलो नेता अर्जुन चौटाला ने इनेलो की परिवर्तन पदयात्रा हरियाणा की राजनीति...

Faridabad: इन्वेस्टमैंट बाजार ऑन एनर्जी एफीशिएंसी का किया सफल आयोजन

Faridabad: एंड रिन्युएबल एनर्जी डिपार्टमैंट और हरेडा द्वारा यहां ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफीशिएंसी भारत...