फरीदाबाद की मेयर ने मांगा घोटालों का जवाब तो अधिकारी ने कह दी यह बड़ी बात

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फरीदाबाद : वैसे तो आमजन अपनी शिकायतों का अंबार लेकर किसी ना किसी सरकारी अधिकारी के निवास पर तांता लगाए हुए दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं उक्त सरकारी अधिकारी द्वारा आमजन की शिकायत सुन उन्हें नाम मात्र आश्वासन देकर लौटा दिया जाता है।

मगर जरूरी नहीं कि सभी सरकारी अधिकारी आमजन की समस्या का समाधान केवल आश्वासन से ही करें। अभी भी ऐसे नेता या नेत्री है जो आमजन की समस्या का समाधान वास्तव में धरातल पर उतर कर करना पसंद करती हैं। इन्हीं में एक नाम फरीदाबाद की नगर निगम मेयर सुमन वाला का भी है।

फरीदाबाद की मेयर ने मांगा घोटालों का जवाब तो अधिकारी ने कह दी यह बड़ी बात

दरअसल, पिछले कई दिनों से मेयर सुमन वाला के पास आमजन शौचालयों की बदतर हालत की परिस्थिति का बखान कर अपनी परेशानी का समाधान मांग रहे थे। ऐसे में जब मेयर सुमन बाला ने धरातल पर उतर परिस्थिति का जायजा लेने के लिए एसडीओ से संपर्क साधा तो परिस्थिति देख मेयर ने मौजूदा स्थल पर एसडीओ से सवाल जवाब करना शुरू कर दिया।

दरअसल, मेयर का कहना था कि वास्तव में शौचालयों की हालत इतनी बद से बदत्तर थी कि वहां पर किसी भी व्यक्ति का 2 मिनट सांस लेना भी दुश्वार हो जाता है, तो ऐसे में आम जन का क्या हाल होता है इसकी गहराई सोच से भी परे हैं।

फरीदाबाद की मेयर ने मांगा घोटालों का जवाब तो अधिकारी ने कह दी यह बड़ी बात
प्रतीकात्मक तस्वीर

उन्होंने एसडीओ से कहा कि जब उनकी सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान की तहत पानी की तरह पैसे खर्च किए जा रहे हैं तो भी क्यों आमजन नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहा है।

जिस पर जब मेयर ने एसडीओ सुरेंद्र खट्टर से इस विषय में सवाल किया तो उल्टा जवाब देने की बजाय एसडीओ ने मेयर पर सरकार और नगर निगम को बदनाम करने का आरोप लगाया।

फरीदाबाद की मेयर ने मांगा घोटालों का जवाब तो अधिकारी ने कह दी यह बड़ी बात

उधर मेयर सुमन बाला का कहना है कि शहर में एक-एक शौचालय करीब सात लाख की लागत में बनकर तैयार हुआ है और उन्हें इस मामले में घोटाले की आशंका है। मेयर ने बताया कि उन्होंने एनआईटी के छः शौचालयों का मौका मुआयना किया। इससे ज्यादा शौचालयों का निरीक्षण हो इससे पहले ही एसडीओ साहब वहां से खिसक लिए।

मेयर के मुताबिक इन शौचालयों में ना तो सीवर का कनेक्शन हुआ था और ना ही साफ़-सफाई और पानी की टंकी भी नहीं लगी थी। मेयर ने उक्त अधिकारियों की शिकायत निगमायुक्त यशपाल यादव और मुख्यमंत्री से पत्र के माध्यम से की है।