बेरोजगारी ने बढ़ाई परेशानी तो बी.ए, एम.ए व बीटेक धारकों ने चपरासी की नौकरी करने की ठानी

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दिन प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी ने शिक्षक वर्ग को चपरासी की नौकरी करने के लिए इस कदर मजबूर कर दिया है कि 13 पद के इंटरव्यू के लिए 27 हजार लोग साक्षात्कार देने पहुंच गए।

यहां हैरानी की बात तो यह है कि यह 13 पद चपरासी के लिए थे और यहां साक्षात्कार देने पहुंचे युवाओं में बीए, एमए, बीटेक और एमटेक डिग्री धारक शामिल थे

बेरोजगारी ने बढ़ाई परेशानी तो बी.ए, एम.ए व बीटेक धारकों ने चपरासी की नौकरी करने की ठानी

दरअसल यह पद पानीपत कोर्ट में 13 चपरासियों के लिए निकाले गए थे। वहीं उक्त पद के लिए योग्यता की बात करें तो वह केवल आठवीं पास रखी गई थी। मगर यह तस्वीरें आपको आश्चर्यचकित कर देंगी।

जानकारी के मुताबिक आवेदन करने वालों में अधिकांश बीए, एमए, बीटेक, एमटेक डिग्री धारक थे, जो घंटों इंटरव्यू के लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए।

बेरोजगारी ने बढ़ाई परेशानी तो बी.ए, एम.ए व बीटेक धारकों ने चपरासी की नौकरी करने की ठानी

औसत एक पद के लिए 2076 युवा संघर्ष करने पहुंचे। वहीं, देश में हर साल 15 लाख बच्चे इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करते हैं, लेकिन दावा है 2.5 लाख को ही योग्यता मुताबिक नौकरी मिल पाती है। मगर यह तस्वीरें सरकार के वायदों की पोल खोल रही है।

जहां प्रदेश सरकार हो या फिर केंद्र सरकार शिक्षित युवाओं को रोजगार देने की बात करती है। वही वास्तव में सच तो यह है कि आज बेरोजगारी की दर इतनी ज्यादा पहुंच गई है

बेरोजगारी ने बढ़ाई परेशानी तो बी.ए, एम.ए व बीटेक धारकों ने चपरासी की नौकरी करने की ठानी

कि शिक्षित वर्ग एक मामूली चपरासी की नौकरी करने के लिए भी तैयार हो गया है। इसके पीछे का कारण यही है कि उच्च शिक्षा लेने के बावजूद भी युवाओं को अपने योग्य नौकरी मिल पाना असंभव दिखाई दे रहा है।

बता दे कि आज देश का हर दूसरा आदमी सोशल मीडिया पर एक्टिव है इसी कड़ी में आज ट्विटर पर #मोदी रोजगार दो ट्रेंड कर रहा है जिसमे अब तक इस पर हजारों से ज्यादा अब तक ट्वीट हो चुका है

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जैसे ही यह ट्वीट ट्रेंड करने लगा वैसे ही मीमर्स ने मीम्स की बाढ़ लगा दी