“म्हारा गांव जगमग गांव” के तहत प्रदेश सरकार हर गांव को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति करने में लगा हुआ है परंतु फरीदाबाद की स्थिति बिल्कुल उलट है। जिले की नेशनल हाईवे दिन ढलने के साथ ही अंधकार में लीन हो जाते हैं, ऐसे में नेशनल हाईवे पर हादसा होने का खतरा बढ़ जाता है।
दरअसल, प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी गांव में बिजली पहुंचाने की उचित व्यवस्था कर रही है परंतु जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग शाम होते ही अंधकार में लीन हो जाते है। आपको बता दे कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर हजारों की संख्या में प्रतिदिन लोगों का आवगामन होता है, ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग पर लाइट्स का ना होना खतरे से खाली नही है।
जिले में आए दिन किसी न किसी वाहन का डिवाइडर से टकराने की खबर आती रहती है। हाल ही में मेवला महाराजपुर में एक गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई। औद्योगिक शहर के बीचोंबीच से गुजर रहा राष्ट्रीय राजमार्ग छह लेन तो कर दिया गया है लेकिन यह रात को अंधेरे में डूबा रहता है। राजमार्ग पर लाइट्स तो लगी हैं, पर यह लंबे समय से बंद पड़ी हैं। इस कारण रोजाना हजारों वाहन अंधेरे में आवागमन करने को मजबूर हैं।
बदरपुर बॉर्डर से सीकरी तक 27 किलोमीटर के हाईवे जिले की सीमा में आता है। जब से हाईवे छह लेन हुआ है, तभी से ही वाहनों की गति बढ़ गई है। अब वाहन करीब 100-120 की गति से दौड़ रहे हैं। अब सुरक्षा के सबसे अहम पहलू मानी जाने वाली लाइटों का काम पूरा नहीं हो सका है। इस लापरवाही की वजह से अंधेरे वाले चौराहे पर ड्यूटी देने वाले यातायात पुलिसकर्मी को भी खतरा रहता है।
वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर लाइट की व्यवस्था ना होना दुर्घटना को भी आमंत्रित करता है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर लाइट के लिए खंभे तो लगा दिए गए हैं परंतु उन पर लाइट्स नहीं लगी है।