सरकारी शिक्षा बचाओ अभियान को जारी रखते हुए शुक्रवार को हरियाणा अभिभावक एकता मंच की टीम ने एनआईटी क्षेत्र के सरकारी स्कूल बड़खल गांव, एनआईटी 2 के साथ साथ एनआईटी 1 के सरकारी हाई स्कूल में जाकर वहां की कंडम व जर्जर हो चुकी बिल्डिंग व संसाधनों की कमी की जानकारी प्राप्त की।यह सभी स्कूल हरियाणा विधानसभा की शिक्षा व स्वास्थ्य कमेटी की चेयरमैन व बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा के विधानसभा क्षेत्र में आते हैं।
जानने के बाद मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया है कि यह स्कूल 5 एकड़ में बना हुआ है। इस स्कूल के चारों तरफ की बाउंड्री है ही नहीं और जो थोड़ी बहुत है वह टूट चुकी है जिसके चलते स्कूल प्रांगण में बाहरी लोगों का जमवाड़ा और आवारा पशुओं का आना जाना हमेशा बना रहता है। स्कूल के नजदीक रहने वाले लोगों व स्कूल स्टाफ ने मंच टीम को बताया का कि चारदीवारी ना होने के कारण असामाजिक तत्व स्कूल समय में और उसके बाद भी अंदर आकर शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं।
इसकी शिकायत कई बार पुलिस चौकी में भी की गई है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, सरकारी शिक्षा बचाओ अभियान टीम सदस्य एडवोकेट बी एस विरदी, मंच की महिला सेल की संयोजक पूनम भाटिया ने कहा है कि यह स्कूल बहुत पुराना है 50 साल पहले टीन की छत के बने 17 कमरे कंडम व जर्जर घोषित किए जा चुके हैं। इनके अलावा अन्य बने हुए 13 कमरे भी जर्जर हालत में हैं उनके लेंटर की सरिया दिखाई दे रही है, छत से वर्षा का पानी टपकता है। कमरों में काफी सीलन है।
स्कूल में कक्षा एक से पांच तक 260 व कक्षा 6 से 10 में 255 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल की हेड मास्टर मैडम मिथिलेश ने कहा है कि स्कूल की स्थिति के बारे में कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को लिखा गया है। स्कूलों की कंडम व जर्जर स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए अभिभावक एकता मंच द्वारा डाली गई एक आरटीआई भी इस स्कूल को प्राप्त हुई है इस पर 22 फरवरी को जिला शिक्षा अधिकारी को आरटीआई का रिप्लाई भेजते हुए इस स्कूल के कमरे चारदीवारी, शौचालय नया बनवाने का अनुरोध किया गया है। कैलाश शर्मा ने बताया है कि जांच के दौरान यह विशेष बात मिली की जो 7 कमरे 10 साल पहले बने हुए हैं वे घटिया निर्माण सामग्री लगने के कारण काफी जर्जर हो गए हैं, उनका लेंटर का सरिया दिखाई दे रहा है और प्लास्टर नीचे गिर रहा है बरसात का पानी कमरों में आता है जबकि उससे पहले बने हुए कमरे फिर भी ठीक हालात में हैं।
वैसे तो इस स्कूल में 10 शौचालय बने हुए हैं लेकिन सभी की हालत जर्जर है, जो दो तीन शौचालय कार्यरत हैं उनमें भी काफी गंदगी भरी हुई है। स्टाफ उनका इस्तेमाल करता नहीं है। महिला शिक्षकों के लिए कोई अलग से शौचालय नहीं है। मार्च 2020 से लोकडाउन के चलते स्कूल बंद है उसके बावजूद इस स्कूल का बिजली का बिल लगभग ₹15000 महीने आ रहा है आज तक यह जानने की कोशिश नहीं की गई कि इतना बिल क्यों हो रहा है। मंच ने इन सब बातों की जांच करने की मांग की है।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी ने विधायक सीमा तिरखा व जिला शिक्षा अधिकारी पद पर नियुक्त हुई रितु चौधरी से कहा है कि वे मंच द्वारा चलाए जा रहे सरकारी शिक्षा बचाओ अभियान में पूर्ण सहयोग प्रदान करें और एनआईटी1हाईस्कूल की स्थिति को देखने के लिए स्कूल का दौरा करके स्कूल की दशा सुधारने का प्रयास करें। कैलाश शर्मा ने मंच के संस्थापक व कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक राजेश नागर, नरेंद्र गुप्ता, नीरज शर्मा से भी अपने विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में जाकर वहां की स्थिति की जानकारी लेने और उनमें सुधार कराने की अपील की है।
मंच ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल व हेड मास्टर से भी कहा है कि वे अपने स्कूलों की कंडम व जर्जर हो चुकी बिल्डिंग व कमरों व संसाधनों की कमी के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी से पत्राचार करें और उसकी एक प्रति मंच को भी उपलब्ध कराएं।जिससे मंच के प्रयास से जिस प्रकार सरकारी स्कूल अनंगपुर,गोच्छी,मोहना, फरीदपुर,दयालपुर,तिगांव आदि में तीन चार मंजिली नई हाईटेक बिल्डिंग बन रही है उसी प्रकार उनके स्कूलों में भी यह पुण्य कार्य कराया जा सके।